प्यारेलाल स्कूल परिसर में स्थित शासकीय बालक प्राथमिक शाला नंबर 4
शिक्षिकाओं के लड़ाई झगड़े और चिल्म-पो की घटना प्यारेलाल स्कूल परिसर में स्थित शासकीय बालक प्राथमिक शाला नंबर ४ में घटी। दरअसल, पूरे घटना के मूल में प्रधानपाठक का प्रभार है। यहां प्रधानपाठक रहीं मुक्ता दुबे २८ फरवरी को रिटायर हो गई हैं और उनकी मानें तो उन्होंने अपना प्रभार शिक्षिका ललिता सावरकर को दे दिया है। दूसरी ओर उनका आरोप है कि उनसे शिक्षिका प्यारी महोबे पदभार चाहती हैं। हालांकि वे यह भी कहती हैं कि उन्होंने अपनी सेवा में विस्तार के लिए आवेदन दिया है। इसलिए वे स्कूल आ रही हैं।
शिक्षिकाओं के लड़ाई झगड़े और चिल्म-पो की घटना प्यारेलाल स्कूल परिसर में स्थित शासकीय बालक प्राथमिक शाला नंबर ४ में घटी। दरअसल, पूरे घटना के मूल में प्रधानपाठक का प्रभार है। यहां प्रधानपाठक रहीं मुक्ता दुबे २८ फरवरी को रिटायर हो गई हैं और उनकी मानें तो उन्होंने अपना प्रभार शिक्षिका ललिता सावरकर को दे दिया है। दूसरी ओर उनका आरोप है कि उनसे शिक्षिका प्यारी महोबे पदभार चाहती हैं। हालांकि वे यह भी कहती हैं कि उन्होंने अपनी सेवा में विस्तार के लिए आवेदन दिया है। इसलिए वे स्कूल आ रही हैं।
शासन की अनुमति से 30 अप्रैल तक सेवा पर रखा जा सकता शिक्षा विभाग में यह नियम है कि बीच सत्र में यदि कोई शिक्षक रिटायर होता है तो वह अपना पूरा प्रभार दूसरे को सौंप सकता है और इसके बाद उसे शासन की अनुमति से सामान्य शिक्षक के रूप में ३० अप्रैल तक सेवा पर रखा जा सकता है। रिटायर्ड प्रधानपाठक दुबे यही विस्तार चाहती हैं और वे चाहती हैं कि आगे भी प्रधानपाठक का पद उनके पास रहे और यही विवाद का मुख्य कारण है। इस संस्था में इनके अलावा शिक्षाकर्मी वर्ग तीन स्वदेश कुमार सागर और अचला शर्मा भी कार्यरत हैं।
अगले पेज में भी पढ़ें खबर