CG News: पुलिस गुंडे बदमाशों की सतत निगरानी करने का दावा करती है, पर यह तब हवा हवाई साबित हो गई जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने फाइल तलब कर इसकी पड़ताल की। जिसमें यह खुलासा हुआ कि जिन गुंडे बदमाशों का नाम विभिन्न थानों में दर्ज है, उनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है। जबिक थानों की हिस्ट्रीशीट में जिवित गुंडा बदमाशों में उनका नाम दर्ज है। इससे साफ है कि सतत निगरानी में ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जिले के थानों में निगरानी गुंडे बदमाशों की तादाद 866
जिले में 24 थाना और 6 पुलिस चौकी है। जिले की आबादी करीब 21 लाख है। आबादी के हिसाब से अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा है। दुर्ग पुलिस ने इस साल नए गुंडा बदमाशों में 11 निगरानी और 47 गुंडों की लिस्ट खोली है। इस तरह जिले में निगरानी बदमाशों व गुंडों की तादाद बढ़कर 866 हो गई है। इनकी अलग-अलग थानों में हिस्ट्री दर्ज है। थानेदार इन गुंडें बदमाशों की निगरानी करते हैं ताकि वे किसी भी अपराधिक वारदात को अंजाम न दें सकें। अपराधिक प्रविृत के लोगों के गुंडा लिस्ट जारी की जाती है। ताकि कानून व्यवस्था में कसावट बनी रहे।
सीएसपी को थानेदारों के साथ चेक करने कहा
दूसरे दिन सभी डिविजन के सीएसपी को निर्देश दिए कि थानेदार के साथ निगरानी गुंडे बदमाशों के घर जाएं और उनकी उपस्थिति को चेक करें। तब खुलासा हुआ कि जिस हिस्ट्रीशीट में निगरानी गुंडे बदमाश के नाम शामिल हैं, उसमें 8 निगरानी और 13 गुंडा की मौत हो चुकी है। लेकिन थानेदार की हिस्ट्रीशीट में वे जिंदा बताए जा रहे थे।
6 साल में 10 एसपी बदल गए, थानेदार पेश करते रहे पुरानी रिपोर्ट
जानकारी के मुताबिक 6 साल में जिले के 10 एसएसपी व एसपी को दुर्ग जिले की जिम्मदारी मिली। थानेदारों ने निगरानी और गुंडे बदमाशों की पुरानी सूची ही पेश करते रहे। कई निगरानी गुंडे बदमाश गंभीर वारदात को अंजाम भी देते रहे, किसी ने हिस्ट्रीशीट की हकीकत को जानने की कोशिश नहीं की।
मृतकों का नाम हटाया, 11 निगरानी और 47 नए गुंडों का नाम जोड़ा
एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर 21 मृत निगरानी व गुंडा बदमाशों की प्रक्रिया के तहत हिस्ट्रीशीट से हटाया गया। वहीं वर्ष 2025 में नए निगरानी गुंडे बदमाशों की लिस्ट भी खोली गई। जिसमें 11 लोग निगरानी और 47 लोग गुंडा लिस्ट में शामिल किए गए।
एसएसपी खुद रात को निगरानी करने बदमाश के घर गए
जिले में हत्या, हत्या का प्रयास और चाकूबाजी जैसी घटनाओं में अधिकतर निगरानी गुंडे बदमाशों की संलिप्तता पाई गई है। जिससे थानेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे थे। इसे लेकर एसएसपी विजय अग्रवाल ने जिले के सभी थानों के निगरानीशुदा गुंडे बदमाशों के फाइल की पड़ताल की। वे खुद आधी रात को बदमाशों के घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। भौतिक जांच की। पता चला कुछ बदमाशों की कब की मौत हो चुकी है।
निगरानी गुंडा मृत
281 564 21
थानेवार मृतकों की हिस्ट्रीशीट
थाना निगरानी गुंडा मौत
दुर्ग 01 00
मोहननगर 01 00
पुलगांव 00 01
भिलाईनगर 00 03
नेवई 00 02
सुपेला 01 00
छावनी 01 00
खुर्सीपार 01 02
भिलाई तीन 01 03
कुम्हारी 01 02
धमधा 01 00
थानों के निगरानी और गुंडों की हिस्ट्रीशीट की भौतिक जांच कराई गई। जांच में ऐसे कई लोग मिले है, जो जिला और प्रदेश छोड़कर बाहर रहने लगे है। वहीं इसमें 21 निगरानी व गुंडों की मौत होने का पता चला। थानेदार को प्रक्रिया के तहत उनके नाम को हटाने का निर्देश दिया गया है।
-विजय अग्रवाल, एसएसपी
Updated on:
16 Jun 2025 12:58 pm
Published on:
16 Jun 2025 12:57 pm