
BHILAI
भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में मेंटनेंस से लेकर ऑपरेशन तक के काम में अब सीधे तौर पर ठेका श्रमिक शमिल हो रहे हैं। संयंत्र के नियमित कर्मचारी मोटी तनख्वाह मिलने की वजह से प्रबंधन के खिलाफ झंडा लेकर सड़क पर उतरने तैयार नहीं है। इसके बाद भी यूनियन पर दबाव मांगों को पूरा करने का रहता है। सीटू के ठेका प्रकोष्ठ ने पूरा फोकस ठेका श्रमिकों पर किया है। वे इन श्रमिकों को लामबंद करने १५ जुलाई २०१८ को एक सम्मेलन बुला रहे हैं। इस सम्मेलन के बाद वे बीएसपी के मजदूरों को जो अधिकार मिलना चाहिए, उसे एकता व संघर्ष के बल पर किस तरह दिलाया जा सकता है, यह दिखाया जाएगा।
नए 50 डेलीगेट होंगे शामिल
ठेका प्रकोष्ट का यह तीसरा सम्मेलन बीटीवी भवन सेक्टर-5 में रविवार को होने जा रहा है। जिसमें श्रमिकों की ओर से 50 डेलीगेट को शामिल किया गया है। मजदूरों को एक करने यूनियन किस तरह से पूरी ताकत झोंक रही है, यह इससे ही साफ होता है कि पूरे कार्यक्रम को ठीक यूनियन चुनाव से पहले रखा गया है। ठेका श्रमिक इसके बाद नियमित कर्मचारियों की यूनियन की तरह एक बड़े यूनियन के तर्ज पर काम करेंगे।
संघर्ष करने तैयार की जाएगी रूपरेखा
इस सम्मेलन में बीएसपी व भिलाई क्षेत्र के मजदूरों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर संघर्ष करने के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी। बीएसपी के ठेका मजदूरों का शोषण बहुत बड़े पैमाने पर होता है। श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी तक उपलब्ध नहीं कराया जाता। प्रोविडेंट फंड व ईएसआई जैसे संवैधानिक अधिकारों पर भी चोट पहुंचाई जाती है। इन सभी समस्याओं के खिलाफ यूनियन लगातार संघर्ष करती रही है। इस संघर्ष को और मजबूती देने के लिए यह सम्मेलन बुलाया जा रहा है।
पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद के लिए भी करना पड़ता है संघर्ष
बीएसपी में किसी प्रकार का मुआवजा निर्धारित ना होने के कारण श्रमिक की मृत्यु के बाद परिवारजनों, ग्राम के लोगों तथा स्थानीय नेताओं के साथ-साथ सीटू के ऊपर भी मुआवजा के लिए लड़ाई लडऩे की जिम्मेदारी आ जाती है। कई बार इसके लिए संघर्ष भी किया जा चुका है और मजदूरों के आश्रितों को उनका हक दिलाए हैं। प्रबंधन से चर्चा करके इस संबंध में कोई ठोस रणनीति या निर्धारित गाइड लाइन बनाने के लिए मांग की जाएगी। इस बैठक में उमराव सिंह पुरामे, योगेश सोनी उमेश कुमार सूर्यवंशी, पी वेंकट, मनीष सहगल शामिल थे।
Published on:
11 Jul 2018 01:04 pm
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