
155 school buildings are in danger....now preparations are on to demolish them
झालावाड़ में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 25 जुलाई को हुई वीसी में राज्यभर के विद्यालय भवनों की सुरक्षा की समीक्षा हुई थी। इसी क्रम में भीलवाड़ा जिले के राजकीय विद्यालयों के भवनों का पुन: भौतिक सत्यापन हुआ। इसमें जिले के 15 ब्लॉक में 155 विद्यालय पूर्णतया जर्जर बताए गए है। शेष 24 भवन भी छात्रों के अध्ययन करने लायक नहीं है। इससे शिक्षा विभाग के सामने भवनों की व्यवस्था करने तथा इन भवनों को जमीदोज करना मुश्किल हो गया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट 30 जुलाई तक में 179 विद्यालयों को जर्जर श्रेणी में रखा था। पुन: भौतिक सत्यापन में 155 विद्यालय भवन तत्काल जमीदोज करने योग्य पाए गए। भवनों को उपखंड अधिकारी और सीबीईओ की देखरेख में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता की टीमों का गठन किया। 15 ही ब्लॉक में गठित कमेटी ने मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट तैयार की है। सर्वे में सामने आया कि संकट किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं बल्कि पूरे जिले में है। पूर्व में जर्जर 179 स्कूल के 1126 कक्षा-कक्ष को गिराने की स्थिति में थे। लेकिन अब दुबारा हुए सत्यापन में 155 स्कूल के नाम सामने आए है। उनमें ब्लाॅक सुवाणा में 15, शाहपुरा 21, हुरड़ा 24, कोटड़ी 10, बनेड़ा 15, बिजौलिया 14, जहाजपुर 9, आसींद 9, मांडलगढ़ 7, रायपुर व सहाड़ा में 3-3, करेड़ा में 2 तथा मांडल में 1 विद्यालय जर्जर स्थिति में हैं।
जमीदोज के लिए प्रस्ताव तैयार
जर्जर विद्यालय भवनों को गिराने के प्रस्ताव तैयार है। शिक्षा विभाग को रिपोर्ट उपखंड अधिकारियों के माध्यम से सौंपी जा चुकी है। एक अधिकारी के अनुसार, जिन 24 विद्यालय भवनों को ‘सुरक्षित’ माना, वे भी फिलहाल पढ़ाई योग्य नहीं हैं। अभिभावक लगातार मांग कर रहे हैं कि जब तक नए भवन तैयार नहीं होते, तब तक छात्रों की पढ़ाई वैकल्पिक भवनों या सुरक्षित स्थानों पर करवाई जाए।
आंकड़ों में स्थिति
Published on:
03 Sept 2025 09:55 am
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