
250 crores of 57 thousand account holders stuck in bhilwara
भीलवाड़ा।
Adarsh Credit Society जिन्दगीभर खून-पसीने की कमाई को परिवार के अच्छे दिन के लिए दांव पर लगाने वाले अभिषेक लोढ़ा अब हताश हो चुके हैं। उन्होंने अपनी बहन की शादी के लिए पाई-पाई जमा कर १२ लाख रुपए सोसायटी में निवेश किए। अब वे प्रतिदिन सोसायटी के चक्कर काट रहा है, लेकिन सोसायटी पर ताले लटके मिलते हैं। एेसी स्थिति अकेले अभिषेक की नहीं, बल्कि जिले के करीब ५७ हजार खाताधारकों की हैं, जिन्होंने सोसायटी में राशि जमा कराई थी। शहर की तीन शाखाओं सहित जिले की आठ शाखाओं पर ताले लटके हुए हैं। सीधे तौर पर कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं है। कर्मचारी भी एक-दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डाल रहे है। एजेन्ट भी चुप बैठे हैं।
तीन साल में ४८१ करोड़ का लाभ
Adarsh Credit Society सोसायटी का पिछले तीन साल के आंकड़े देखें तो २०१५-१६ में लाभ २१२.९१ करोड़ था। वह २०१६-१७ में बढ़कर ४३०.१० करोड़ तथा वर्ष २०१७-१८ में ४८१.२८ करोड़ तक पहुंच गया। इन तीन सालों में क्रमश: १५, १६ व १६ प्रतिशत बोनस बांटकर लोगों को आकर्षित किया गया। सोसायटी ने २६ मार्च २०१८ को संचालक मंडल की बैठक में राजस्थान के १२ बैंकों के खातों को बन्द करने का निर्णय किया था। क्रेडिट सोसायटी पर आरबीआइ व राज्य सरकार का किसी तरह का कोई दखल नहीं है। ब्याज की दर २४ प्रतिशत है।
३१ दिसम्बर तक समिति की हिस्सा पूंजी की स्थिति
सोसायटी की अधिकृत पूंजी- एक लाख करोड़
पेड अप - १६५९.३३ करोड़
कार्यशील पूंजी १३६२९.९७ करोड़
अन्य कोष की राशि- १३३१.९८ करोड़
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कोटड़ी. उपखंड मुख्यालय पर चार साल पहले सोसायटी ने 15५१ खाताधारकों को जोड़कर पांच करोड़ रुपए जमा किए थे। लोग अब जमा पूंजी लेने जा रहे हैं, तो सोसायटी के मैनेजर रविकांत ठठेरा व कैशियर गौरव दाधीच कार्यालय के ताला लगाकर चले गए हैं। सोसायटी थाने के सामने खोली गई थी। कई एजेंट ने भी ग्राहकों के साथ राशि जमा कराई थी। अक्टूबर २०१८ से अब किसी को राशि नहीं मिली।
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केस-०१
दलपत डांगी ने पेंशन के 15 लाख रुपए अधिक ब्याज के लिए जमा कराए थे। अब कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
केस-०२
महावीर रुगलेचा १8 लाख रुपए जमा कराए। मैनेजर व एजेन्ट अब केवल झांसे दे रहे हैं।

Published on:
14 Sept 2019 02:03 am
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