script3 माह में नहीं हो सकी 5 माह की ऑडिट | 5 months of audit in 3 months in bhilwara | Patrika News

3 माह में नहीं हो सकी 5 माह की ऑडिट

locationभीलवाड़ाPublished: Apr 25, 2019 11:34:16 am

Submitted by:

Suresh Jain

भीलवाड़ा महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक24 हजार खाताधारकों को अभी तक नहीं मिली राहत

5 months of audit in 3 months in bhilwara

5 months of audit in 3 months in bhilwara

भीलवाड़ा।


भीलवाड़ा महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक की विभागीय ऑडिट तक नहीं हो पा रही है। हालांकि उप रजिस्ट्रार ने महिला ऑडिटर लगाया, लेकिन पांच माह की ऑडिट तीन माह में भी नहीं हो पाई है। लिहाजा अब एक इंस्पेक्टर को लगाया है।
विभागीय ऑडिट नहीं होने तक रिजर्व बैंक की सब्सीडियरी इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) की ओर से कराई जाने वाली ऑडिट भी नहीं होगी। २४ हजार से अधिक खाताधारकों को राहत मुश्किल है। बैंक ३१ अगस्त २०१८ को अवसायन में आ गया था। खाताधारकों को एक-एक लाख रुपए तक देने के लिए डीआईसीजीसी में क्लेम करना था, वह भी नहीं हो पा रहा है। मालूम हो, बैंक में करीब ५० करोड़ रुपए के ऋण घोटाले की जांच एसओजी कर रही है।खाताधारकों का कहना है कि बैंक में घोटाले को लेकर कांग्रेस ने मुद्दा बनाया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस चुप बैठी है।
६९०० खाताधारक की केवाईसी शेष
बैंक की भीलवाड़ा, पुर, गुलाबपुरा व कांकरोली शाखाओं से जुड़े २४,४१२ खाताधारकों में से ६९०० ने केवाईसी अपडेट नहीं कराई है। अधिकारियों का कहना है कि इनके खाते में ५० रुपए से भी कम राशि है। ऐसे में बैंक को १७, ५१२ खाताधारकों को ही लगभग ६० करोड़ रुपए की राशि देनी है। ६० करोड़ का ऋण तथा ३० करोड़ का एनपीए का ब्याज है। यानी ९५.२७ करोड़ का ऋण बकाया चल रहा है। बैंक के पास १५.४० करोड़ रुपए की लिक्वीडीटी है।
डीआईसीजीसी ने नियुक्त किया ऑडिटर
डीआईसीजीसी ने बैंक की ऑडिट के लिए पुणे से ऑडिटर नियुक्त किया। उसने पहले एक अप्रेल २०१८ से ३१ अगस्त २०१८ तक की विभागीय ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले आरबीआई ऑडिट कर चुकी है। इसके बाद भी उप रजिस्ट्रार कार्यालय इन पांच माह की ऑडिट तीन माह से नहीं करा सका है। उप रजिस्ट्रार का कहना है कि ऑडिट के लिए प्रियंका बसेर को लगा रखा है। काम में गति नहीं होने पर पिछले सप्ताह ही इंस्पेक्टर श्रवणकुमार कुमावत को लगाया है। ऑडिट १५ मई तक पूरी होने की संभावना है।
३१ अगस्त २०१८ को हो गया था निरस्त
बैंक का लाइसेन्स ३१ अगस्त को आरबीआई जयपुर से आए दो अधिकारियों ने नोटिस देकर लाइसेन्स को निरस्त कर दिया था। उसके बाद अतिरिक्त रजिस्ट्रार अजमेर में ४ सितम्बर को आदेश जारी कर उप रजिस्ट्रार को लिक्विडेटर नियुक्त कर एक साल में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे।
फैक्ट फाइल
२४४१२ खाताधारक
६९०० खाताधारकों की केवाईसी नहीं
५९.५३ करोड़ की है देनदारी
५८.६१ करोड़ के ऋण बकाया
३०.०० करोड़ के एनपीए ब्याज
०३ करोड़ की राशि बैंक खाते में जमा
१५.४० करोड़ सिक्युरिटी राशि जमा
५० करोड़ का ऋण घोटाला
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