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आंख में मिर्ची झोंककर 50 हजार लूटने का मामला: पूर्व कर्मचारी निकला लूट का सूत्रधार, सहयोगी गिरफ्तार, सरगना फरार

locationभीलवाड़ाPublished: Jan 21, 2019 01:35:11 am

Submitted by:

tej narayan

वारदात में तीन आरोपी थे, तीनों बबराना के रहने वाले

50 thousand robbery case slamming pepper in the eye in bhilwara

50 thousand robbery case slamming pepper in the eye in bhilwara

भीलवाड़ा।

सुभाषनगर थाना पुलिस ने सांगानेर रोड पर एक सप्ताह पूर्व सरिया व्यापारी के पुत्र की आंख में मिर्ची झोंककर पचास हजार लूटने के मामले का रविवार शाम खुलासा कर दिया। लूट के आरोप में सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। सरगना समेत दो जने फरार हैं। व्यापारी के पूर्व कर्मचारी ने ही लूट की योजना बनाई थी।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि 14 जनवरी को सरिया व्यापारी चित्रकूट नगर निवासी राजकुमार जैन ने थाने में मामला दर्ज कराया था। परिवादी ने बताया कि कोठारी नदी के निकट उसका सरिया गोदाम पर उसका पुत्र रोहित था। रात करीब साढ़े आठ बजे एक युवक लिस्ट लेकर आया, जिसमें सीमेंट के सौ कट्टे सीमेंट और सरिए लिखे हुए थे। उसने लिस्ट रोहित को दी और भाव-ताव किया। इस बीच युवक रोहित की आंख में मिर्ची पाउडर फेंककर काउंटर पर रखा बैग लेकर भाग छूटा। बैग में पचास हजार नकद और हिसाब-किताब की पर्चियां थी।
मामले के खुलासे के लिए थानाधिकारी अजयकांत, प्रशिक्षु आरपीएस हिम्मत चारण, एएसआई राधाकिशन, हैड कांस्टेबल मोतीराम, राजू गिरी, कांस्टेबल धीरज व लोकेश कुमार की टीम बनाई गई। टीम ने बबराना (बनेड़ा) निवासी जगदीश गाडरी को गिरफ्तार किया। वारदात का मुख्य सरगना बबराना निवासी सांवरा पुत्र शंकर जाट व उसका साथी सांवरा पुत्र काना जाट फरार है।
तीन माह किया काम

सांवरा पुत्र शंकर जाट ने व्यापारी के गोदाम में तीन माह नौकरी की। उसे पता था कि वहां कौन-कौन काम करते है और कब-कब दूसरे कर्मचारी रहते हैं।

दो बार की रैकी, अकेला देखते ही वारदात
सांवरा पुत्र शंकर जाट ने लूट की योजना में गांव के दो साथियों को शामिल किया। १४ जनवरी दोपहर में तीनों भीलवाड़ा पहुंचे और नेहरू उद्यान में आपस में बातचीत कर बाइक पर सांगानेर रोड पर रवाना हुए। बाइक लेकर सावरा पुत्र शंकर ने गोदाम के आस-पास दो चक्कर काटे। गोदाम पर रोहित अकेला था। उसने नकदी छीनने के लिए सांवरा पुत्र काना जाट को भेजा, जबकि खुद गोदाम से कुछ दूर खड़ा हो गया। जगदीश गाडरी बाइक स्टार्ट कर चौराहे पर खड़ा रहा। बैग उठाने के बाद तीनों वहां से चम्पत हो गए।
चढ़ाई पाती, रात रूक कोटा गए

पूछताछ में जगदीश ने बताया कि तीनों एक रात जोगणिया माता में सराय में रुके थे। सुबह ११०० रुपए दानपात्र में डाले। जंगल में नकदी निकालकर बैग जला दिया। इसके बाद कोटा जाकर बाइक पार्र्किंग में खड़ी कर दिल्ली और वहां से घूमने चण्डीगढ़ चले गए। वहां से बिजयनगर आए और बाड़ी माताजी में राशि चढ़ाकर तीनों अलग-अलग हो गए। भीलवाड़ा पहुंचते ही जगदीश धरा गया।
यूं आए पकड़ में

वारदात से पहले सावरा पुत्र काना जाट ने मोबाइल बंद हो जाने से जगदीश का मोबाइल ले लिया। आंख में मिर्ची डालकर भागते समय सांवरा से मोबाइल वहीं गिर गया था। पुलिस ने मोबाइल बरामद कर लिया। कॉल डिटेल निकालने पर तीनों की आपस में बातचीत सामने आने पर नामजद कर लिया गया। बताया जाता है कि जगदीश टेम्पो तो कभी ट्रक चलाता था। सरगना भी मजदूरी और चालक का काम करता है।
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