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दिगम्बर जैन समाज के मंदिरों में हुए अभिषेक व शान्तिधारा

अनन्त चतुदर्शी

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Abhishek and Shantidhara in Digambar Jain Samaj temples in bhilwara

Abhishek and Shantidhara in Digambar Jain Samaj temples in bhilwara

भीलवाड़ा.

दशलक्षण पर्व के अन्तिम दिन दिगम्बर जैन समाज ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ अनन्त चतुदर्शी पर्व मनाया। समाज के लोगों ने व्रत व उपवास रखकर पूजा अर्चना की है। जैन धर्म के अनुसार ब्रह्मचर्य को मात्र स्त्री संसर्ग या वासना से नही समझा जाता है। पर में आनन्द मानना या पर का आलबन लेना भी कुशील है। आपको जो शरीर मिला है, जो कुल मिला है, जो भी मिला है, उसमें आनन्द लेना, उसी में रम जाना उत्तम ब्रह्मचर्य है। जैन धर्म में अपनी शक्ति को संरक्षित करना एवं भोगों में व्यर्थ नही करना श्रेष्ठ माना जाता है। आदिनाथ दिगबर जैन मंदिर आरके कॉलोनी में मंगलवार सुबह विश्व से कोराना मुक्ति एवं प्राणी मात्र की शांति के लिए मूलनायक आदिनाथ भगवान पर 108 रिद्धी मंत्रों से अभिषेक किए गए।
ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि सुन्दर, चिराग कोठारी ने 108 रिद्धी मंत्र अभिषेक एवं स्वर्ण झारी से शांतिधारा का सौभाग्य प्राप्त किया। इस अवसर पर सोहन लाल, मांगीलाल बडजात्या ने आदिनाथ भगवान की प्राचीन प्रतिमा, शांतिलाल अंकित शाह ने शांतिनाथ भगवान की पाषाण प्रतिमा पर, राकेश पहाडिया ने विधिनायक प्रतिमा पर, विपुल कोठारी ने चन्द्रप्रभ भगवान, आत्मप्रकाश लुहाडिया ने शांतिनाथ भगवान, राकेश पंचोली ने पाश्र्वनाथ भगवान, खेमराज कोठारी ने महावीर भगवान, भागचन्द कासलीवाल ने सिद्ध भगवान, राकेश ठोलिया ने पंचपरमेष्ठी पर शांतिधारा की। कोराना काल के नियमानुसार मंदिर में 5-5 की संख्या में प्रवेश कर श्रावकों ने अभिषेक किए। 33 श्रावकों ने घर में रहकर शांतिधारा का पुण्यार्जन किया।
आमलियों की बारी स्तित बड़े मंदिर के प्रवक्ता पवन अजमेरा ने बताया कि अशोक सेठी के ओम के उच्चारण के बाद अभिषेक व शान्तिधारा हुई। चौदस और बड़े कलशाभिषेक होने से चतुर्मुखी पारसनाथ भगवान पर महामस्तकाभिषेक शांति धारा की गई। 32 परिवारों के नाम से शांति धारा हुई। छह परिवारों को चतुर्मुखी पारसनाथ भगवान पर शांतिधारा करने का सौभाग्य मिला। शांतिधारा करने वालो में विनोद हुमड़, पवन कोठारी, अशोक लुहाडिया, महावीर काला, राकेश पंचोली शामिल है। अशोक व राहुल सेठी ने वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण कांड पाठ के बाद निर्वाण लड्डू चढ़ाया। पुराने भीलवाड़ा के तीनों मंदिरों में बड़े कलशाभिषेक सुबह ही किए गए। बड़े मंदिर में सुबह दस बजे अभिषेक किया गया। गुरुवार को एकम के कलश और उत्तम क्षमा याचना पर्व मनाया जाएगा।
बापूनगर स्थित पदम प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में श्रावको ने प्रतिमाओं पर अभिषेक किया। पूनम चंद सेठी ने 108 रिद्धि मंत्रों से मूलनायक पदम प्रभु भगवान पर ओमप्रकाश, अंकुर पाटनी तथा डॉक्टर विनीत बाकलीवाल ने अभिषेक व शांति धारा की। प्रकाश, मनोज पाटनी ने मुनिसुव्रत नाथ भगवान, ताराचंद, विमल कुमार गन्दोरिया ने शांतिनाथ भगवान की व आशा राम ने पाश्र्वनाथ भगवान की शांतिधारा की।
कावाखेड़ा शास्त्रीनगर स्थित कुंद कुंद दिगम्बर जैन आत्मार्थी ट्रस्ट की ओर से संचालित सीमंधर जिनालय में अन्नत चतुर्दशी पर्व अभिषेक के साथ मनाया। सचिव नेमी चंद बघेरवाल ने बताया की दिगम्बर जैन समाज के दस लक्षण पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रहमचर्य धर्म की पूजा की गई। पंडित डॉ. अरविन्द शास्त्री ने दस लक्षण पर्व के महत्व के बारे में बताया।