20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आरोप: जिला परिषद में कमीशन खोरी के अलावा कोई काम नहीं होता

- साढ़े चार साल में एक भी काम पूरा नहीं, छह माह में भी निकल जाएंगे - जिला परिषद सदस्यों ने लगाए खुलकर आरोप, विधायक भी दिखे नाराज - साधारण सभा की बैठक में छाए पानी, बिजली, विकास कार्य व अवैध खनन के मुद्दे

3 min read
Google source verification
Allegation: No work happens in the Zila Parishad except commission-grabbing

Allegation: No work happens in the Zila Parishad except commission-grabbing

भीलवाड़ा जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक हंगामेदार हुई। पंयायतों के विकास कार्यो में भेदभाव करने, बिजली, पानी, सड़क, अवैध खनन तथा चिकित्सा विभाग के मुद्दे छाए रहे। जिला प्रमुख बरजी बाई भील की अध्यक्षता तथा जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू की उपस्थिति में सोमवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक चार घंटे चली।

जिला परिषद सदस्य नंदलाल गुर्जर व अशोक तलाइच ने सवाल उठाया कि पिछले साढ़े चार साल में एक भी विकास के काम पूरे नहीं हुए है। शेष छह माह का समय भी निकल जाएगा। दोनो ने जिला प्रमुख व सीईओ से सवाल किया कि किसी भी पंचायत में विकास के लिए सदस्य की सहमति लेते है क्या? मेरे वार्ड की एक पंचायत में 28 से 33 लाख रुपए के काम स्वीकृत कर दिए। जबकि दस पंचायतों में एक भी रुपया नहीं दिया। जबकि सभी पंचायतों के विकास कार्यो के प्रस्ताव दिए थे। सदन में चुनकर आए साढ़े चार साल हो गए फिर भी काम जीरो है। गुर्जर ने आरोप लगाया कि जिला परिषद में केवल कमीशन खोरी के अलावा कोई काम नहीं होता है। गुर्जर एक बार तो बैठक छोड़कर जाने लगे तो अन्य सदस्यों ने पकडकर बैठाया।

अशोक तलाइच ने कहा कि मनरेगा में 5-5 करोड़ के काम हो जाते है। कहीं 100 श्रमिक भी नहीं लगते है। राज बदल गया लेकिन व्यवस्था नहीं बदली है। इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। हरिलाल जाट ने भी नाराजगी जताई। मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने सीईओ चंद्रभानसिंह भाटी से कहा कि सभी सदस्य नाराज हैं। डबल इंजन की सरकार है। हमारे क्षेत्र में पैसे दे रहे तो हमसे तो पूछ लेते। शारदा पूर्बिया ने कहा कि साढ़े चार साल में एक भी काम नहीं दिया। खजूरिया श्याम की सड़क नहीं बनी। हम गरीब सदस्य हैं, पैसे नहीं देते, इसलिए हमारे काम नहीं करते।

उप जिला प्रमुख शंकरलाल गुर्जर ने कहा कि कौन-कौन से काम पूरे हुए, उनके उद्घाटन कराओ। कलक्टर संधू ने जिम्मेदारी तय कर एक्सईएन व बीडीओ पर कार्रवाई के निर्देश दिए। काम की टाइमलाइन तय करने तथा वार्ड वाइज काम की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश सीईओं को दिए।

चरागाह विकास समिति तक नहीं बनी

भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने कहा कि हर बार मीटिंग में पंचायतों में चरागाह विकास पर बात होती, पर काम नहीं हुआ। ग्राम चरागाह विकास समितियां का गठन तक नहीं हुआ है। जिला प्रमुख ने झरमरी पौधा हटाने की बात कहीं थी वह आज तक नहीं हटे। यह जहरीला पौधा है। पौधों को जेसीबी से हटाने का प्रस्ताव रखा तो सीईओं ने कहा कि जेसीबी से काम नहीं हो सकता। विधायक खंडेलवाल ने टोकते हुए कहा कि मनरेगा में कोई मजदूर काम करता है क्या? सभी जेसीबी से हो रहे है यह सभी जानते है। कलक्टर ने सात दिन में समितियां बनाने तथा चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने व सीमांकन के निर्देश दिए।

दो साल में भी नहीं हुए कनेक्शन

दो से कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं हो रहे है। ठेकेदार मनमानी कर रहे है। एवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता वीके संचेती ने कहा कि उपकरण मिलने पर सितंबर तक कनेक्शन कर देंगे। मांडल विधायक उदयलाल भडाणा ने कहा कि सुपरमिल में लगा 333 केवी जीएसएस कहां गया। विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। आसींद विधायक जब्बरसिंह सांखला ने कहा कि अब तक हुरड़ा एईएन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उप प्रमुख शंकर लाल गुर्जर, प्रधान करण सिंह, हरिलाल जाट ने भी कृषि बिजली कने€क्शन में देरी पर नाराजगी जताई। विधायक कोठारी ने खुले तारों को सही करने को कहा।

अवैध बजरी का छाया मुद्दा

विधायक भडाणा ने कहा कि कुछ अधिकारी अवैध खनन करवा रहे है। दहिमता में अवैध खनन बंद करवाया तो एक अधिकारी ने मंगरोप में खड़े वाहनों को पकड़कर एफआईआर दर्ज करवाई। अब तीन करोड़ का चालान बनाया जा रहा है। जबकि इनमें बजरी की एक तगारी भी नहीं थी। सहाड़ा विधायक लादूलाल पितलिया ने कहा कि पनोतिया, शिवरती, भूणास व मौखूंदा में अवैध खनन हो रहा है। जिला प्रमुख ने कहा कि नल कनेक्शन करने वाला गांव वालों से 3-3 हजार रुपए ले रहा है। वह मेरे सभी 2 हजार रुपए लेकर गया है।

बैठक में लिया नरेश मीणा का नाम

अशोक तलाइच पूरे जोश के साथ नजर आए। बैठक में तलाइज ने कहा कि डिस्कॉम अधिकारी विधायमों की नहीं सुनते। जबकि वह एक सरकार है। इनको सुधारने के लिए किसी को नरेश मीणा बनना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि तलाइच ने टोंक जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां कांग्रेस के बागी नेता नरेश मीणा ने उप चुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ मारा था।