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अनगड़ बावजी तीर्थ पर बसाया अवधेश चैतन्य नगर

राजस्थान में अमरा भगत की तपस्या स्थली अनगड बावजी तीर्थ स्थल पर अवधेश चैतन्य नगर बसाया जा रहा है। यहां सूरजकुंड आश्रम राजसमंद के अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज का चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश 1 जुलाई को होगा। वही देश के विभिन्न हिस्सों से साधु संत यहां चातुर्मास के दौरान प्रवास करेंगे। anagad baavajee teerth par basaaya avadhesh chaitany nagar

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 अवधेश चैतन्य नगर

अवधेश चैतन्य नगर

चित्तौड़गढ़ जिले के नरबदिया गांव में अनगड बावजी तीर्थ स्थल है। यहां आयोजित होने वाले संत चातुर्मास की तैयारियां अंतिम चरण में है। चातुर्मास के लिए संतों के प्रवेश दिवस के अवसर पर अमरा भगत की समाधि स्थल नरबदिया गांव से 11हजार महिलाओं की कलश यात्रा शाही लवाजमें के साथ प्रारंभ होगी, जो करीब दो किलोमीटर लंबी होगी।

अलग-अलग संतों के प्रवचन

चातुर्मास में अलग-अलग संतों के प्रवचन होंगे। इसमें शिव पुराण, राम कथा, भागवत कथा, देवनारायण की कथा बगड़ावत की कथा, सांवलिया सेठ की कथा व मीरा की कथा अलग-अलग संतों के माध्यम से होगी। इस अवधि में रात्रि में भजन संध्या भी होगी।

सौ से ज्यादा संत

चातुर्मास में 100 से ज्यादा संत वर्षावास के 90 दिन यहीं पर बिराजेंगे, जबकि प्रतिदिन आने जाने वाले संतों की संख्या भी बहुत ज्यादा होगी।

घासफूस की कुटिया
यहां आश्रम में संतों के लिए 51 कुटिया घास फूस से बनाई गई है। प्रत्येक कुटिया में दो-दो संत रहेंगे। इन कुटिया में हवा पानी रोशनी का पूरा प्रबंध रहेगा। साथ ही बड़ी कुटियाओं का निर्माण किया गया है, जो अवधेश चैतन्य महाराज व चरखी दादरी के दंडी स्वामी महाराज के लिए होगी।

सात विशाल डोम

बरसात के मौसम में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं हो, इसके लिए पांच विशाल वाटरप्रूफ डोम तैयार किए जा रहे है। इनमें एक डोम प्रवचन के लिए, दूसरा प्रतिदिन आने जाने वाले संतों व भोजनशाला के लिए होगा। दो शेष यात्रियों के ठहरने के लिए बनाए गए।

बाइपास से आवाजाही

सांवलियाजी से आने जाने वाले यात्रियों के लिए अनगढ़ बावजी सड़क मार्ग अवधेश चैतन्य नगर से होकर निकल रही डामर सड़क को बंद कर दी गई है। इसके बजाय पास में ही बाइपास दिया गया है। इसके अलावा पार्किंग के लिए तीनों ही सड़क मार्ग पर अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है। पूरे अवधेश चैतन्य नगर को वायर फेंसिंग से बंद किया जाएगा।

प्रमुख संतों की खास कुटिया

पहाड़ी की छोटीसी तलहटी पर सांवलिया जी सड़क मार्ग के किनारे बसाए नगर में चातुर्मास स्थल पर दोनों प्रमुख संतों की कुटिया के पिछवाड़े राजसमंद से आए बागवान ने अशोक तथा फूलदार पौधे तथा घास लगाकर बगीचा विकसित किया है। वहीं संतों के कुटिया के सामने भी गार्डन विकसित करने का कार्य प्रगति पर है।