
Bhilwara News: दीपोत्सव से पहले मां से अलग होने का गम जिंदगी भर के लिए रह गया। दरअसल, नवताज का जन्म समय से पहले होने की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जब पालनाघर की घंटी बजी तो एनआईसीयू स्टॉफ ने बालिका को वार्ड में भर्ती कर उपचार किया। मौके पर उसके साथ उसकी मां या अन्य परिजन कोई नहीं था। नवजात बिल्कुल अकेली थी।
महात्मा गांधी चिकित्सालय की एमसीएच विंग के पालनाघर में बुधवार रात नवजात बालिका को अज्ञात छोड़ गया। मौके पर पुलिस व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे। समिति ने बालिका के नामकरण के साथ अस्पताल प्रशासन को बेहतर उपचार के निर्देश दिए। बालिका का समय से पहले जन्म होने के चलते सांस लेने में दिक्कत बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, एमसीएच विंग में रात 1.40 बजे पालने की घंटी बजने पर चिकित्साकर्मी पहुंचे और वहां नवजात को एनआईसीयू में भर्ती कर पुलिस को सूचना देने के साथ ही उपचार शुरू किया।
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह राजपूत ने बताया कि बालिका का जन्म पालने में छोड़ने से कुछ समय पहले हुआ। वह समय पूर्व जन्मी है। उसका वजन एक किलो 300 ग्राम है। 32 सप्ताह की यानि प्री मेच्योर होने के चलते फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हुए। उसे सांस लेने में दिक्कत है।
उधर गुरुवार दोपहर समिति अध्यक्ष चन्द्रकला ओझा व सदस्य अस्पताल पहुंचे और बालिका को 'दीया' नाम दिया। बेहतर उपचार के लिए अस्पताल व सुरक्षा के लिए पुलिस को पत्र लिखा।
समय से पहले जन्म लेने के कारण बच्ची की स्थिति गंभीर है। उसे बचाने में डॉक्टर जुटे हैं। बालिका जल्द स्वस्थ हो, इसके हरसंभव प्रयास हैं। -डॉ. अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजीएच
Updated on:
25 Oct 2024 12:20 pm
Published on:
25 Oct 2024 12:16 pm
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