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Bhilwara news : नवसंवत्सर का होगा आगाज: चैत्र नवरात्र कल से, इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र

- हाथी पर सवार होकर आएंगी मातारानी - घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: सुबह 6.24 से 7.07 बजे तक - अभिजित मुहूर्त : सुबह 7.56 से दोपहर 12.31 बजे तक

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Navsamvatsar will begin: Chaitra Navratri from tomorrow, this time Navratri will be of eight days

Navsamvatsar will begin: Chaitra Navratri from tomorrow, this time Navratri will be of eight days

Bhilwara news : चैत्र नवरात्र और विक्रम संवत सिद्धार्थ 2082 की शुरुआत 30 मार्च से होगी। इस मौके पर मां जगदम्बा के मंदिरों में भक्त आस्था में लीन रहकर पूजा-अर्चना करेंगे। मां दुर्गा का आगमन व प्रस्थान इस बार हाथी पर होगा। यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है। रेवती नक्षत्र, ऐंद्र और प्रवर्धमान योग में कलश स्थापना होगी। अनेक लोगों की मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। इस मौके पर मीन राशि में पंचग्रही योग का संयोग भी बनेगा। जो कि सुख समृद्धि कारक है। तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्र करीब सात साल बाद नौ के बजाए आठ दिन के होंगे। इस अवधि में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। विशेष रूप से देवी मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे। खरीदारी के भी अलग-अलग संयोग रहेंगे। पांच अप्रेल को अष्टमी व छह अप्रेल को रामनवमी होगी। कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाएगा। इस साल अच्छी बारिश, बेहतर पैदावार और कृषि में उन्नति के संकेत भी हैं। देवी पुराण के अनुसार घटस्थापना के लिए प्रात:काल का समय श्रेष्ठ है। माता रानी का दरबार सजेगा। मंदिरों में नवरात्र की तैयारियां शुरू हो गई है। चामुंडा माता मंदिर, गायत्री मंदिर समेत अन्य मंदीरों में अंतिम तैयारी चल रही है।

नवसंवत्सर 30 मार्च से

पंडित अशोक व्यास ने बताया कि हिंदू नववर्ष संवत 2082 की शुरुआत 30 मार्च से होगी। इसे सिद्धार्थ संवत्सर के नाम से जाना जाएगा। इसमें सूर्य की प्रधानता रहेगी। इससे राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज और पर्यावरण पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रविवार को है, इसलिए सूर्य को वर्ष का राजा माना है। पूरे जिले में नवसंत्वसर को लेकर उत्साह का माहौल है। नव संवत्सर के स्वागत में शहर में सभी प्रमुख बाजार और सर्कलों को सजाया जा रहा है।