शास्त्री के भजनों पर श्रद्धालु हाथ उठा झूमते रहे। उन्होंने भजन कर मस्त जवानी में बुढ़ापा किसने देखा है…भजन गाया तो हजारों भक्त खड़े होकर प्रभु भक्ति में झूमने लगे। महंत बनवारीशरण के सानिध्य में व्यास पीठ की आरती महंत आशुतोष दास, रामदास, आयोजन समिति के अध्यक्ष गोपाल खण्डेलवाल, संरक्षक त्रिलोकचंद छाबड़ा, प्रकाशचन्द छाबड़ा, राजेन्द्रसिंह भाटी आदि ने की। कथा का समापन रविवार दोपहर 2.30 बजे होगा। रविवार को कथा दोपहर 12 बजे शुरू होगी। उसके बाद शास्त्री भीलवाड़ा से विदाई लेंगे।
मूंछों पर लगाया हाथ, बोले-मूंछें हो तो… शास्त्री ने मंच की पीछे कुछ लोगों को ऑटोग्राफ दिए। सीआईडी के एक अधिकारी ने पत्र दिया। पुलिसकर्मी ने भेंट दी तो उसके सिर पर हाथ रखा। मंच पर हनुमानजी को प्रणाम के बाद श्रोताओं को दंडवत नमन किया। एक संत का हाथ पकड़ अपने सिर पर रख आशीर्वाद लिया। सवाई भोज के महंत सुरेशदास के गाल पर चुटकी काटी। शान्तिलाल गुर्जर के मूंछों पर हाथ लगाते हुए कहा मूछें हो तो….इस पर दोनों हंस पड़े। व्यास पीठ पर बैठने से पहले झोले से घोटा (इसे वे वाई-फाई कहते हैं) निकाला व पूजा की। उन्हें एक बच्चे ने तलवार भेंट की। उसके ललाट व गालों पर रंग लगाया। संतों का दुपट्टा पहना स्वागत किया। एक संत ने शास्त्री को आशीर्वाद दिया। शास्त्री दोपहर 3.42 बजे मंच पर आए।
पांडाल में उतरे अवध, काशी और वृंदावन बाड़मेर की 11 वर्षीय गंगा शर्मा ने सत्यम शिवम सुंदरम गीत पर भरतनाट्यम किया तो पांडाल भक्तिमयी हो उठा। पिता रमेश जोशी व माता लक्ष्मी शर्मा ने बताया कि गंगा 9 वर्ष की उम्र में भरतनाट्यम की उपाधि प्राप्त करने वाली देश की दूसरी सबसे कम उम्र की बालिका है। शास्त्री ने कथा की शुरुआत में सत्यम शिवम की पंक्तियां गुनगुनाई तो लगा मानों राम का अवध, शिव की काशी और कान्हा का वृंदावन भीलवाड़ा के पांडाल में उतर आया हो। शास्त्री ने राधे और राम नाम के जाप से भक्तों को भावविभोर कर दिया।
वीवीआईपी गेट पर भीड़ वीवीआईपी पास लेकर हजारों लोग कथा स्थल पहुंच थे। पांडल खचाखच भरा तो पुलिस ने रोक दिया। लोग धूप में खड़े रहे। शास्त्री के अपील करने पर श्रोता कुछ देर बैठे लेकिन वे पुन: खड़े हो गए। कोई पेड़ पर बैठा था तो कोई पानी के टैंकर पर बैठकर कथा सुन रहा था। मीडिया ब्लॉक में महिलाओं को बैठाया गया। भीड़ देखकर सबको आशीर्वाद दिया।
भक्ति से दूर होगा कष्ट मुंबई से विवेक ने भगवान का नाम जपने से फायदा पूछा तो शास्त्री ने जीवन सुधारने के टिप्स दिए। कहा-क्या आप हर काम फायदे के लिए ही करोगे? गुटखा खाने व मदिरा पान से क्या फायदा है? फिर बोले-हनुमानजी की भक्ति से मन के विकार मिटते हैं। विचार शुद्ध होते हैं। आईक्यू लेवल बढ़ता है। किलयुग में भगवान के नाम में ही सार है। बाकी सब बेकार है।
भीलवाड़ा का जिक्र उन्होंने भीलवाड़ा में गाय की पूंछ काटने, उदयपुर में कन्हैयालाल व भीलवाड़ा के आदर्श हत्याकांड का जिक्र किया। साथ ही हर मंगलवार व शनिवार को एक जगह या मंदिर में एकत्र होने की अपील की ताकि सनातन की एकजुटता का संदेश मिले। शास्त्री बोले-बिहार में सरकार के मना करने के बावजूद 12 लाख भक्त कथा में आए थे। वही नजारा भीलवाड़ा में देखने को मिला।
हर समूह के लिए सीख विद्यार्थी: रील बाद में देख लेना पहले अध्ययन पर ध्यान दें। माता-पिता के सपनों को साकार करना। परिजन: बच्चों को कुछ भी बनाओ पर सबसे पहले अच्छा इंसान बनाओ व मानवता के गुण दो।
परिवार: बिखराव चिंता का विषय। बच्चों को सनातन संस्कृति से जोड़े। रामचरितमानस का पाठ करें। संतान: जिनके नाम से माता-पिता पहचाने जाए। माता-पिता व गुरु को प्रतिदिन प्रणाम करते हो। युवा: प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठें। स्वाध्याय करें। महापुरुषों की जीवनी पढ़ें।
गलत काम करने वालों को भेजाे पाक शास्त्री ने कहा कि राजस्थान में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ रहा है। अब सब हिंदुओं को एक होकर उनकी ठठरी बांधनी है। जो भी हिंदू बहन-बेटी व बच्चों पर अत्याचार करेगा, उनको पाकिस्तान भेजा जाएगा।
भक्ति से मिलती कष्टों से मुक्ति शास्त्री ने नौ निधियों को विस्तार से श्रोताओं को समझाया। बोले-हनुमानजी की भक्ति से मिलती कष्टों से मुक्ति। उन्होंने पद्मनिधि, महापद्म, नील, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, शंख व खर्व निधि के मायने बताए।
झोले में रखते घोटा शास्त्री अपने साथ झोला रखते हैं। इसमें बालाजी का छोटा घोटा है। इसे वे सेटेलाइट या वाई-फाई कहते हैं।इसे लेकर शास्त्री का कहना है, इसमें बालाजी धाम से सेटेलाइट के माध्यम से सिग्नल आते हैं। सिग्नल मेरे दिल में उतर जाते हैं और समस्या के समाधान के लिए लोगों को बुलाता हूं।