scriptटीबी रोगियों की स्क्रीनिंग के लिए चलेगा अभियान | Campaign will be run for screening of TB patients in bhilwara | Patrika News

टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग के लिए चलेगा अभियान

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 29, 2020 11:33:35 pm

Submitted by:

Suresh Jain

जिले में ३ से 16 अक्टूबर तक

Campaign will be run for screening of TB patients in bhilwara

Campaign will be run for screening of TB patients in bhilwara

भीलवाड़ा
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में जिला क्षय निवारण केंद्र की ओर से ३ से 16 अक्टूबर तक जिले में टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को एक्टिव केस फाइडिंग नाम दिया गया है। सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान ने बताया की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ३ से 16 अक्टूबर तक घर-घर जाकर टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
इसके लिए ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में सभी सीएचसी, पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी व प्रभारियों से अपने-अपने सेक्टर्स की अति संवदेनशील व वंचित जनसंख्या को चिन्हित कर कुल जनसंख्या का 10 प्रतिशत का सर्वे कर टीबी संभावित एरिया को कवर कर माइक्रो प्लान बनाया जाएगा तथा रिपोर्ट जिला स्तर पर भिजवाई जाएगी।
ऐसे की जाएगी टीबी रोगियों को पहचान
जिला क्षय निवारण केन्द्र के प्रभारी डॉ. प्रकाश शर्मा ने बताया की सर्वे के दौरान जिस घर में किसी को भी दो सप्ताह से अधिक खांसी, नियमित बुखार, वजन का एकदम घटना, भूख कम लगना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द या शाम के समय पसीना आना आदि लक्षण है, तो वह टीबी रोगी हो सकता है, ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी। शर्मा ने बताया कि
नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में बलगम की जांच एक्सरे और जरूरत पडऩे पर रोगियों की सीबीनॉट जांच करवाई जाएगी। रोग की पुष्टि होने पर दवा दी जाएगी। मधुमेह रोगियों, टीबी रोगियों के अधिक संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों, खनन मजदूर, ईंट भट्टा मजदूर, सीमेंट फैक्ट्री मजदूर, मूर्ति बनाने वाले, पत्थर घिसाई मजदूर, संघन आबादी, कुपोषित व्यक्ति आदि में टीबी रोग की अधिक संभावना होती है।
मरीज को सरकार प्रतिमाह देती है 500 की सहायता
जिला क्षय रोग अधिकारी शर्मा ने बताया की टीबी रोगी को नियमित दवा के साथ पोषण पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। पोषण का बहुत बड़ा महत्व है, इसलिए सरकार की ओर से पोषण योजना में टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपए उनके बैंक खाते में दिए जाते है। इससे रोगी को दवा के साथ-साथ अच्छा पोषण भी मिल सकें। टीबी मरीजों को खोज करने वाली आशा सहयोगिनी को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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