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सावधान! राजस्थान में चांदीपुरा वायरस का कहर, अब इस जिले में भी घुसा Virus

Bhilwara News : शाहपुरा जिले के कोठियां क्षेत्र में चांदीपुरा वायरस का रोगी मिला है।

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भीलवाड़ा. शाहपुरा जिले के कोठियां क्षेत्र में चांदीपुरा वायरस का रोगी मिला है। यह चांदीपुरा वायरस के संक्रमण का शाहपुरा व भीलवाड़ा जिले में पहला मामला है। दो वर्ष की यह बालिका अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय में भर्ती है। इस रोग का खुलासा जांच के बाद हुआ है।

कोठियां पंचायत के ईटड़िया गांव की दो वर्षीय बच्ची को तेज बुखार व जुकाम पर 4 अगस्त को कोठियां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां से अगले दिन परिजन बालिका को बिजयनगर के निजी चिकित्सालय ले गए, जहां भर्ती कराया। वहां भी बीमारी पकड़ में नहीं आने तथा बालिका की हालत गंभीर होने पर उसे भीलवाड़ा रैफर कर दिया।

परिजन ने उसे निजी चिकित्सालय भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों को बीमारी समझ में नहीं आई तो हायर सेन्टर रैफर कर दिया। परिजन बालिका को अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय ले गए। वहां जांच में सामने आया कि वह चांदीपुरा वायरस से ग्रस्त है।

चांदीपुरा वायरस की चपेट में आई बालिका के इलाज पर अब तक परिजन पांच लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। महंगे इलाज के बावजूद बालिका की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार को सरकारी मदद भी नहीं मिली है। अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती बालिका वेंटिलेटर पर है। अभी हालत में सुधार नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि गुरुवार सुबह तक बालिका की स्थिति साफ होगी।

चांदीपुरा वायरस की पुष्टि होने पर शाहपुरा चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। सीएमएचओ डॉ विष्णु दयाल मीणा ने बताया कि चांदीपुरा की पुष्टि के बाद विभाग की टीम ईटड़िया पहुंची व घर-घर सर्वे कर रही है। जागरूक किया जा रहा है कि सर्दी, खांसी जुकाम और तेज बुखार से पीड़ित को अन्य बच्चों से दूर रखें। यह वायरस बच्चों में जल्दी फैलता है। समय पर इलाज न मिलने पर बच्चे की मौत भी हो सकती है। परिजन को इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

गुजरात में छह बच्चों की मौत

गुजरात में बीते दो हफ्तों में चांदीपुरा वायरस या जापानी एन्सेफलाइटिस से छह बच्चों की मौत हो गई है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए गुजरात सरकार ने खून के नमूने पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे हैं। मच्छरजनित बीमारी का शिकार होने वाले बच्चे की 24 से 48 घंटे के अंदर मौत हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में मृत्यु दर 85 प्रतिशत है। यह ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो सैड फ्लाइज के काटने से फैलता है।

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