
CCTV cameras spoiled in district hospital in bhilwara
भीलवाड़ा।
आप अपने या परिजनों के इलाज को महात्मा गांधी चिकित्सालय जा रहे है तो संभलकर रहे। यहां आपकी जेब भी कट सकती है और मोबाइल भी पार हो सकता है। जिला अस्पताल में एेसी घटनाएं रोज हो रही है। जेबकतरे सक्रिय है। हालांकि अस्पताल प्रशासन में होमगार्ड लगा रखे हैं पर उनकी संख्या कम है।
लिहाजा एेसी वारदात थम नहीं रही है। यदि कभी होमगार्ड ने किसी जेबतराश को पकड़ भी लिया तो रिपोर्ट के अभाव में पुलिस खानापूर्ति की कार्रवाई कर उसे छोड़ देती है।अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे 9 माह से खराब हैं। प्रशासन न कैमरे दुरस्त करा पा रहे हैं और न नए कैमरे लगा पा रहा है।
कैमरों के अभाव में मरीज न आउटडोर में सुरक्षित हैं व न वार्डों में। वार्ड में मरीज के बेड से मोबाइल या अन्य सामान चोरी हो रहा है तो कभी आउटडोर में पर्ची कांउटर पर भी जेबकतरे हाथ की सफाई दिखा जाते हैं। अस्पताल के पीछे एमसीएच की आधुनिक बिल्डिंग में भी कैमरों का अभाव है। पिछले दिनों गायनिक वार्ड से प्रसूता व परिजनों का मोबाइल पार कर ले जाते एक शख्स को लोगों ने पुलिस के हवाले किया था। वहीं एमजीएच में लोग एक दो बार चोरों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर चुके लेकिन चोरियां नहीं थमी।
आउटडोर से दो महिलाओं के पर्स पार
सोमवार को दो महिलाएं जेबतराशी का शिकार हुई। एक महिला आउटडोर में पर्ची की कतार में लगी थी। पर्ची के पैसे निकाले और डॉक्टर को दिखाने पहुंची तब तक पर्स पार हो गया। दूसरी का हाथ में पकड़े थैले को काटकर कोई पर्स उड़ा ले गया। दोनों पर्स में पांच से दस हजार की नकद थे। आउटडोर में ही एक व्यक्ति का मोबाइल पार हो गया। चोरी की सूचना पर अस्पताल चौकी पुलिस पहुंची लेकिन चोरों का सुराग नही लगा।
कंपनी को पत्र लिखा, फिर दिलाएंगे याद
अस्पताल में जिस कम्पनी के कैमरे लगे हैं, उनको पत्र लिख रखा है। कम्पनी के मैकेनिक आए भी थे। उन्होंने कैमरे चेक भी किए लेकिन मशीन में खराबी बताकर चले, फिर नहीं लौटे। कम्पनी को फिर ध्यान दिलाएंगे व कैमरे दुरस्त कराएंगे।
डॉ. एसपी आगीवाल, प्रमुख चिकित्साधिकारी एमजीएच
Published on:
12 Jun 2018 03:11 pm
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