
रंगकर्मी मंजू जोशी की स्मृति में रसधारा संस्था का तीन दिवसीय नाट्य समारोह रविवार को शुरू हुआ। पहले दिन टाउन हॉल में राजस्थानी भाषा के नाटक 'चरणदास चोर का प्रभावी मंचन किया, जिसे दर्शकों ने सराहा। तालियों की गडग़ड़ाहट से खचाखच भरा टाउन हॉल गूंज उठा।

नेमीचंद ने चरणदास चोर की भूमिका बेहतर ढंग से निभाई। मोहम्मद सोहेल (हवलदार) पूजा जोशी (रानी) कोमल सोनी (सेठानी) तथा मोहम्मद इमरान, एम.एस.आई.जितेन्द्र बघेला, हितेश मोटवानी, दीपेन्द्र सिंह, प्रकाश लूणिया, हरिप्रसाद वैष्णव, नेहा जैन, सईद खान तथा महावीर विश्नोई सहित अन्य दस कलाकारों का प्रदर्शन भी बेहतर रहा।रसधारा से जुड़े स्थानीय कलाकारों ने भी सहयोग किया।

रसधारा के संस्थापक व रंगकर्मी गोपाल आचार्य ने बताया कि ख्यात कथाकार विजयदान देथा (विज्जी) की कहानी आधारित इस नाटक की पटकथा हबीब तनवीर ने तैयार की। रमेशभाटी नामदेव ने राजस्थानी भाषा में रुपान्तरित किया। निर्देशक जोधपुर के शब्बीर हुसैन ने नाटक का संक्षिप्त परिचय दिया।

बताया कि चरणदास हंसी मजाक में अपने गुरु को सच बोलने का वचन दे देता है। वह झूठ बोले बिना चोरी करता है। उसकी सच्चाई का डंका पूरे देश में बज उठता है लेकिन स्थितियां एेसी बनती है कि सच बोलने का वचन जानलेवा साबित होता है और अंत में चरणदास को मरवा दिया जाता है।

भीलवाड़ा में इस नाटक का पांचवा मंचन है। आचार्य ने बताया कि सोमवारको बीकानेर के सुधेस व्यास निर्देशित नाटक 'चार कोटका मंचन किया जाएगा। टाउन हाल में नाटक शाम 7.30 बजे शुरू होगा।