
चौकिंए मत, झाडियां भी ले सकती है वन्य जीवों की जान
राजस्थान में हमीरगढ़ वन क्षेत्र को सुरक्षित वन्य जीव क्षेत्र (हमीरगढ़ वाइल्ड लाइफ कन्जरवेशन रिजर्व) घोषित करने के बाद पर्यटन की भी अपार संभावनाएं खुल गई है, लेकिन इसी वन क्षेत्र के प्रमुख हिस्से हमीरगढ़ इको पार्क में फैल रही लेंटाना झाडि़यां अब वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। मौजूदा हालात यह है कि यह झाडियां अब मवेशी भक्षी होने लगी है और कई वन्य जीवों की जान भी ले चुकी है।
भीलवाड़ा जिले के हमीरगढ इको पार्क के वन क्षेत्र में मनसा महादेव मार्ग पर स्थित टांके के पास दो दिन पूर्व लेंटाना झाड़ियों में ही दो वन्यजीव मृत पाए गए। इसमें एक नीलगाय व दूसरा कबरबिज्जू बताया गया। वन्य जीव प्रेमी कृष्णगोपाल लड्ढा ने बताया कि बीजू व नीलगाय करीब चार-पांच दिन पहले बीमारी से या फिर आहार-विहार की कमी के चलते मृत्यु हो गई। जंगल के मुख्य मार्ग पर स्थित टांके के पास झाडि़यों में मृत पड़े दोनों वन्यजीवों में से नीलगाय का शव करीब 10 दिन पुराना है। वनकर्मियों का वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति ध्यान नहीं देना गंभीर है।
जंगल में मृत पड़े वन्यजीवों से जंगल में संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। नियमानुसार वन्यजीवों को घटना व दुर्घटना में मृत्यु के बाद दफनाया जाना चाहिए। क्षेत्र में बढ़ते लेंटाना झाडि़यों की वजह से और भी कई वन्यजीवों का आहार-विहार, बढ़ती गर्मी से उनका जीवन संकट में है।
हमीरगढ़ के पीपुल फॉर एनिमल्स क्षेत्रीय प्रतिनिधि सत्यनारायण व्यास, कैलाश सोनी व पर्यावरण प्रेमियों की ओर से पूर्व में इस संबंध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया। लेकिन जंगल को लेंटाना से मुक्ति के लिए कुछ कार्रवाई नहीं हो पाई है। जबकि क्षेत्र में नरेगा शहरी रोजगार योजना के काम चल रहे हैं। पर्यावरणप्रेमियों ने वन्यजीवो पर मंडराती लेंटाना झाडि़यों से मुक्ति की मांग को पुन दोहराया। Hamirgarh Eco Park
इस संदर्भ में उप वन संरक्षक वीर सिंह का कहना है कि वन विभाग की ओर से हमीरगढ़ नगर पालिका में रोजगार के तहत लेंटाना हटाने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है । उसकी स्वीकृति पर ही लेंटाना झाडि़यों को हटाया जा सकेगा।
Published on:
19 May 2023 05:39 pm
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