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समय से पहले शिविर समाप्त होने पर उपभोक्ता परेशान: भीलवाड़ा में आरबीआई कैंप का अव्यवस्थित समापन

- 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' कैंप में अव्यवस्था - उपभोक्ता डेढ़ साल से लेकर 13 साल पुराने अटके मामलों को लेकर पहुंचे

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Consumers upset over camp ending prematurely

Consumers upset over camp ending prematurely

भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से भीलवाड़ा नगर निगम में आयोजित 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' कैंप का चार घंटे पहले ही समाप्त हो जाने से दूर-दराज से आए उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह शिविर खासकर बैंकों में पड़ी दावा रहित वित्तीय संपत्तियों और अन्य बैंकिंग समस्याओं के निवारण के लिए लगाया गया था, लेकिन समय से पहले समापन होने से कई जरूरतमंद लोग निराश होकर लौटे। विरोध कर रहे उपभोक्ताओं ने बताया कि शिविर का निर्धारित समय शाम छह बजे तक था, लेकिन अधिकारियों ने इसे दोपहर एक -डेढ बजे ही समाप्त कर दिया।

डेढ़ साल से लेकर 13 साल तक के अटके मामले

शिविर में पहुंचे लोगों ने बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी लंबी और अटकी हुई समस्याओं को उजागर किया। एक उपभोक्ता ने बताया कि उनके पिता के निधन को डेढ़ साल हो गया है, लेकिन चलने-फिरने में असमर्थ उनकी माता के खाते में राशि आज तक ट्रांसफर नहीं हुई है। वह पिछले डेढ़ साल से कृषि उपज मंडी स्थित एसबीआई बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार नए दस्तावेज़ मांगे जाते हैं। इसी तरह, एक अन्य परिवार पंजाब नेशनल बैंक के चक्कर काट रहा है।

13 साल से काट रहे चक्कर

आज़ाद मोहल्ला निवासी केदारमल कोगटा ने बताया कि उनके पिता का खाता 2011 में राजस्थान बैंक (जो अब आईसीआईसीआई बैंक में मर्ज हो चुका है) में था। पिता के निधन के बाद से ही वे 13 साल से बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। शिविर की सूचना पर निगम पहुंचे, लेकिन यहां कोई प्रतिनिधि नहीं मिला।

दो साल से जवाब नहीं

काशीपुरी निवासी अर्जुन बोरण ने बताया कि उनके दादाजी के एसबीबीजे बैंक (अब एसबीआई) की सांयकालीन शाखा के खाते में वर्ष 2023 से राशि पड़ी है। कई बार शाखा के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। शिविर में भीलवाड़ा जिले के अलावा रतलाम जैसे दूर के स्थानों से भी उपभोक्ता अपनी शिकायतें लेकर नगर निगम पहुंचे थे, जिन्हें अधिकारियों के न मिलने पर भारी निराशा हुई।

एसआइआर' के कारण हॉल खाली करना था

अग्रणी बैंक ज़िला प्रबंधक अशोक कुमार पांडेय ने समय से पहले शिविर समाप्त होने का कारण बताया कि एसआइआर के कारण हॉल की जगह खाली करनी थी। उन्होंने कहा कि जो लोग निगम पहुंचे थे, उन्हें बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा बुलाया गया था।