READ: जिग्नेश मेवानी की सभा को रोकने की हरसंभव कोशिश, नहीं दी अनुमति, करेड़ा कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात सहायक वनसंरक्षक सुचेक गौड ने बताया कि बागजणा गांव के डपिंग यार्ड क्षेत्र में बंद पड़ी ग्रेनाइट इकाई के डंपिंग में सोमवार दोपहर बदबू आने पर श्रमिकों ने पास जाकर देखा तो यहां पैंथर मृत नजर आया। इसकी सूचना ईश्वर गुर्जर ने करेडा वन पाल शिवनाथ सिंह चूण्डावत को दी। क्षेत्रिय वन अधिकारी भंवर लाल बारेठ भीलवाड़ा से मौके पर पहुंचे। यहां पत्थरों के बीच मृत अवस्था में फंसे मिले पैंथर को बाहर निकाला और करेड़ा वन नाके लाकर पोस्टमार्टम कराया। शव का बाद में वन नाका क्षेत्र में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बारेठ ने बताया कि पैंथर पानी की तलाश में यहां आया और डपिंग इकाई में गहराई में चला गया और यहां फंसा गया। दम घुटने व गर्मी से उसकी मौत हो। नर पैंथर की उम्र करीब चार वर्ष की थी और उसकी लम्बाई 6 .8 इंच व ऊंचाई सवा दो फीट की थी।
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प्यास से विचलित पैंथर घुस रहे आबादी में जिले में भीषण गर्मी से प्यास से विचलित हो कर वन्य जीवों के आबादी क्षेत्र में घुसने की घटना लगातार बढ़ती जा रही है। एक माह के दौरान जिले में आबादी क्षेत्र में पैंथर के घुसने की ये तीसरी और प्यास से मौत की पहली घटना है। हालांकि जिले में एक मई को हुई वन्य जीव गणना में पैंथर होने की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन पैंथर लगातार बदनोर, आसीन्द, करेड़ा व मांडलगढ़ वन क्षेत्र में नजर आ रहे है।
प्यास से विचलित पैंथर घुस रहे आबादी में जिले में भीषण गर्मी से प्यास से विचलित हो कर वन्य जीवों के आबादी क्षेत्र में घुसने की घटना लगातार बढ़ती जा रही है। एक माह के दौरान जिले में आबादी क्षेत्र में पैंथर के घुसने की ये तीसरी और प्यास से मौत की पहली घटना है। हालांकि जिले में एक मई को हुई वन्य जीव गणना में पैंथर होने की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन पैंथर लगातार बदनोर, आसीन्द, करेड़ा व मांडलगढ़ वन क्षेत्र में नजर आ रहे है।