चितौडग़ढ़ रोड स्थित सुखाडि़या स्टेडियम विल्स क्रिकेट एवं ईरानी ट्रॉफी समेत कई राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन स्थल रहा। यहां राजस्थान क्रिकेट संघ भी खेल कलैण्डर के अनुसार यहां प्रतियोगिता करवाता रहा है। तीन वर्ष पूर्व जिला क्रिकेट संघ में बदलाव के बाद से स्टेडियम गुमनामी में खोता जा रहा है। जिला क्रिकेट संघ की अनदेखी के साथ ही आरसीए में हुई गुटबाजी ने स्टेडियम से करीब प्रतियोगिता ही छीन ली है। हालात ये हैं कि जिला खेल प्राधिकरण के अधीन यह स्टेडियम बीसीसीआई व आरसीए की आंखों से ओझल ही हो गया है।
दो वर्ष से नहीं हुए मैच
गत तीन वर्ष में यहां कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं हुई। दो वर्ष से तो जिला क्रिकेट संघ की तरफ से प्रतियोगिता आयोजित नहीं होने से खिलाड़ी अब निजी खेल मैदानों का रुख करने लगे हैं। एेसे में बदहाली में सिमटने लगा है।
राजनीतिक दबाव हावी आरसीए के खेल कलैण्डर घोषित नहीं करने ओर न ही जिला स्तर पर प्रयास होने से स्थानीय प्रतिभाओं को उभरने का मौका भी छीनता जा रहा है। भाई-भतीजावाद की राजनीति एवं बाहरी दबाव से स्कूली व घरेलू प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों को भी अब राजस्थान की टीम में शामिल होने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कुछ खिलाड़ी अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर चयन की दौड़ में शामिल हुए, लेकिन स्थानीय स्तर पर मदद के लिए हाथ नहीं बढ़े।