scriptभीलवाड़ा के उद्योगों पर गुजरात व एमपी की नजरें, ग्राइडिंग यूनिटों पर आया बड़ा सकंट, यहां से जा रहा है कच्चा माल | Crisis on the grinding units in bhilwara | Patrika News

भीलवाड़ा के उद्योगों पर गुजरात व एमपी की नजरें, ग्राइडिंग यूनिटों पर आया बड़ा सकंट, यहां से जा रहा है कच्चा माल

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 13, 2018 03:53:26 pm

Submitted by:

tej narayan

जस्थान की तुलना में वहां ज्यादा सुविधाएं मिलने से उद्योगपति भी यही चाहते हैं कि राजस्थान से बाहर चले जाए

Crisis on the grinding units in bhilwara

Crisis on the grinding units in bhilwara

भीलवाड़ा।

रिसर्जेंट राजस्थान के नाम पर नए उद्योग स्थापित करने के लिए एमआेयू भले किए, लेकिन हकीकत यह है कि यहां के उद्योगों पर अब गुजरात व एमपी सरकार की नजर है। राजस्थान की तुलना में वहां ज्यादा सुविधाएं मिलने से उद्योगपति भी यही चाहते हैं कि राजस्थान से बाहर चले जाए। भीलवाड़ा जिला खनिज बाहुल्य क्षेत्र है।
READ: शहर में खुला एक और कृषि महाविद्यालय, बढ़ेगी सुविधाएं


यहां लेड जिंक से लेकर, क्वार्ट्स फेल्सपार, ग्रेनाइट, चिनाई पत्थर, मार्बल, सेंड स्टोन, अभ्रक आदि खनिज निकल रहे हैं। जिले में आसींद, मांडल, रायपुर, सहाड़ा, हमीरगढ़ क्षेत्र में क्वार्ट्ज फेल्सपार पत्थर की खदानें खूब है। यहां से पत्थर को पीसकर पाउडर बनाते हैं। यह पाउडर टाइल्स सहित अन्य वस्तुएं बनाने के काम आता है।
READ: राजस्थान में यहां कार्ड से नहीं अंतरदेशीय पत्र से माना जाता है शादी का न्यौता, तभी पहुंचते हैं रिश्तेदार

इस काम के लिए करीब दो सौ से ज्यादा ग्राइडिंग यूनिटें स्थापित है। इन यूनिटों के लिए सरकारी खानापूर्ति ज्यादा होने व प्रतिस्पर्धा के कारण बंद होने के कगार पर है। अब गुजरात में ही कुछ समूह ने वहां ग्राइडिंग यूनिट लगा दी है। अब यहां से पत्थर भरकर सीधा गुजरात जा रहा है। इससे यहां की यूनिटें बंद होने की स्थिति में आ गई है।
पाउडर से बनती है टाइल्स
गुजरात के मोरवी में टाइल्स बनाने के उद्योग है। यह कंपनियां राजस्थान के भीलवाड़ा से अधिकांश कच्चा माल खरीदती है। अब मोरवी के पास ही कुछ बड़ी ग्राइडिंग यूनिट लगने से वे यहां से कच्चा माल खरीद रही है। वहां टाइल्स बन रही है। एेसे में यहां से केवल पत्थर खनन होकर बाहर जा रहे हैं। श्रमिकों पर भी काम का संकट आ गया है।
इधर, केवल योजना बना रही अपनी सरकार
जिले से क्वार्ट्ज फेल्सपार का कच्चा माल तथा यहां से पाउडर गुजरात जा रहा है। यहां के मोड़ का निम्बाहेड़ा के पास करीब पांच सौ बीघा में सिरेमिक जोन बनाना था। सरकार ने भूमि आवंटन भी तय कर लिया। इसे रीको को देना भी तय हो गया है। लेकिन अब यहां सुविधाओं के साथ ही जमीन रीको के नाम आना बाकी है।
एेसे में यहां उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। इस जोन में करीब पांच हजार करोड़ का निवेश होना है। इस क्षेत्र में 200 ग्राइडिंग यूनिट, 150 टाइल्स यूनिट, 20 क्रॉकरी तथा 20 सेनेट्री वियर की यूनिट लगाने की योजना है। लेकिन सरकार रुचि नहीं ले रही है।

एमपी के नीमच में बढ़ी पूछ परख
हाल ही में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने उद्योगों के लिए आकर्षक योजना शुरू की है। जिला कलक्टरों को ही जमीन आवंटन के अधिकार दिए है। नीमच के आसपास कुछ क्षेत्र भी रिजर्व किया है। इससे यहां के प्रोसेस हाउस मालिकों ने वहां जाकर पूछताछ की है। वहां पानी भी है और जमीन भी। साथ ही ईसी भी आसानी से मिल जाती है। इसके चलते उद्योगपति राजस्थान छोडऩा चाहते हैं।

कच्चा माल बाहर जाना गंभीर बात
&रिसर्जेंट राजस्थान के तहत जिन उद्योगों के एमओयू हुए है उनकी फाइल मंगवाई है। यहां मोड़ का निम्बाहेड़ा में यदि सिरेमिक जोन घोषित है व कच्चा माल बाहर जा रहा है तो गंभीर बात है। इस क्षेत्र को विकसित करने कोशिश करेंगे। प्रोसेस हाउस सहित अन्य उद्योगों की समस्याओं के हल के लिए बैठक भी करेंगे।
शुचि त्यागी, जिला कलक्टर

ट्रेंडिंग वीडियो