
देश में अनूठा है हनुमत धाम, यहां पर देश के संतों का हुआ समागम
देश के विभिन्न हिस्सों से साधु संतों का समागम मंगलवार को अमर ज्ञानी रंजनी आश्रम शक्करगढ़ एवं संकटमोचन आदर्श गोशाला समिति के तत्वावधान में हुआ। मौका था भीलवाड़ा जिले के शक्करगढ़ में नवनिर्मित संकट हनुमत धाम के छह दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आयोजित संत सम्मेलन के आयोजन का। देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु-संतों के स्वागत में ग्रामीणों ने भी पलक पावडे बिछा दिए।
संत जगदीश पुरी महाराज के सानिध्य में साधु-संतों की भव्य शोभायात्रा कस्बे में निकाली गई। राह में हिंदू हो या मुस्लिम सभी समाज के लोगों ने संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। स्वागत के दौरान विधायक गोपीचंद मीणा व प्रधान सीता देवी गुर्जर भी मौजूद रही। शोभायात्रा का समापन आश्रम पर हुआ। यहां आयोजित संत सम्मेलन में ट्रस्ट सदस्यों ने संतों का सम्मान किया। संत विद्यानंद सरस्वती ने प्रवचन में संतों की महिमा बताते हुए श्रद्धालुओं को जीवन का सार बताया। स्वामी चिदंमबरानन्द महाराज के सानिध्य में भजन संध्या हुई। इसमें भजनों की सरिता बह उठी।
सम्मेलन में स्वामी परमेश्वरानन्द सरस्वती महाराज, मध्य प्रदेश भानपुरा के पीठ के शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद महाराज की धर्मवाणी से श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। सम्मेलन में स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी, स्वामी विश्वात्मा नंदपुरी , प्रणवचैतन्य पुरी ,स्वामी हंसानंद तीर्थ , स्वामी जनकपुरी , आचार्य ब्रह्मचारी दिव्य चेतन, स्वामी सोहम चैतन्य पुरी, स्वामी राम दयाल महाराज, स्वामी हंसराम महाराज, स्वामी आनंद चैतन्य सरस्वती, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती , स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, स्वामी चिदंबरा नंद सरस्वती महाराज, स्वामी डॉ. मुक्तानंद पुरी व आचार्य ब्रह्मचारी गोपाल चैतन्य सहित कई संतों का समागम हुआ। इस दौरान टीसी चौधरी, सुरेश चंद्र रुइया, संजय निमोदिया, वीरेंद्र व्यास,मुकेश कुमार बागड़, रामपाल शर्मा सहित कई श्रद्धालुओ की कार्यक्रम में भारी मौजूद रही।
जानिए, हनुमत धाम को.......................
नवनिर्मित संकट हनुमत धाम भव्य होने के साथ अनूठा है। मंदिर परिसर मेें रंग बिरंगे फूलों से आकर्षक उद्यान, यज्ञशाला भगवान विष्णु के क्षीरसागर एवं कैलाश पर्वत पर शंकर भगवान की जटा से गंगा मैया अवतरण, भव्य साधना समाधि स्थल, 25 सौ भक्तगणों के बैठने के लिए सत्संग भवन अतिथि शाला, भोजनशाला एवं 15 वातानुकूलित कमरों का निर्माण हुआ है। यहां पाथ वे, सामुदायिक स्नानघर, भव्य लाइटिंग म्यूजिक सिस्टम, चारदिवारी, वेद विद्यालय इत्यादि का निर्माण भी भामाशाहों एवं ग्राम वासियों के सहयोग से हुआ है। यहां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का महा आगाज 18 फरवरी 23 को हो चुका है।
शक्करगढ़ कस्बे में नवनिर्मित श्री संकट हरण हनुमत धाम मंदिर का शिलान्यास स्वामी परमेश्वरानन्द सरस्वती महाराज साधना सदन हरिद्वार एवं स्वामी संत जगदीश पुरी द्वारा दिसंबर 2018 में किया गया। मंदिर निर्माण पूर्णता की ओर है।
नेशनल हाइवे के निकट मंदिर का भव्य मुख्य द्वार शक्करगढ़ गोशाला की ट्रस्टी सुशील लढ़ा के पिता सुरेशचंद्र लड्ढा की स्मृति में बनवाया गया। उज्जैन से ढाई सौ किलो पारे से निर्मित पारद शिवलिंग एवं जयपुर से विष्णु भगवान की विशाल प्रतिमा शक्करगढ़ के हनुमत धाम में पहुंची। जो 22 फरवरी को विधि विधान के साथ स्थापित होगी।
मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए विधायक फंड से सीसी रोड का निर्माण भी करवाया गया, साथ ही श्रद्धालुओं के पीने के लिए चंबल का शुद्ध पानी की पाइप लाइन बिछाकर पेयजल की व्यवस्था जलदाय विभाग ने की है। कस्बे में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर ग्राम वासियों में विशेष उत्साह है।
मंदिर के पीछे ही संकटमोचन आदर्श गोशाला स्थापित है। गोशाला का संरक्षण स्वामी अमराव महाराज व संस्थापक संत जगदीश पुरी के जिम्मे है। यहां सभी गायें स्वामी जगदीश पुरी की एक आवाज से ही दौड़ी चली आती है। गोशाला का निर्माण 1998 में 99 में हुआ, गो शाला की शुरूआत 6 मार्च 2000 को हुई। गोशाला में ब्रह्मचारी हंसराज चैतन्य महेंद्र चैतन्य सहित नौ संत व 25 से अधिक कर्मचारी गौ सेवा में लगे है। गोशाला का भव्य प्रवेशद्वार है, जिसका निर्माण जुलाई 2018 में संपन्न हुआ था।
Published on:
21 Feb 2023 10:41 pm
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