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आमजन की दोस्त नहीं बन सकी ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीनें

जिले में लाखों की मशीनें बनी कबाड़

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E-Mitra Plus kiosk machines could not become common man's friend

E-Mitra Plus kiosk machines could not become common man's friend

भीलवाड़ा।
E-MITR plus kiosk सरकार की ओर से आमजन की सुविधाओं के लिए जो भी प्रयास किए जाते हैं, उनकी धरातल पर आकर हवा निकल जाती हैं। इसी का नतीजा है कि करोड़ों की लागत से विभिन्न स्थानों व सरकारी कार्यालयों में लगी ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीनों की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है।

E-MITR plus kiosk सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर उपखंड मुख्यालय के कार्यालयों सहित प्रमुख विभागों में सेल्फ सर्विस के लिए ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीनें लगाई थी। ई-मित्र कियोस्क की सभी सेवाएं ई-मित्र कियोस्क प्लस मशीन से ली जा सकती हैं। यह बात दीगर है कि इन मशीनों को कार्यालयों में कबाड़ समझकर रखा हुआ है।

शहर में कृषि उपज मंडी, सहकारिता विभाग, महात्मा गांधी चिकित्सालय, पंचायत समिति कार्यालय, महिला एवं बाल विकास विभाग, सहित कई विभागों व ग्राम पंचायतों के राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर एक वर्ष पहले ई-मित्र कियोस्क मशीन लगाई गई थी। इन मशीनों को ऑनलाइन से जोड़ा ही नहीं गया है। एक मशीन की कीमत लगभग चार लाख रुपए हैं। जिले में एेसी दर्जनों मशीने लगी हैं।