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स्कूलों में हर शनिवार बैग फ्री सैटरडे आफ्टरनून, होगी रचनात्मक गतिविधियां

locationभीलवाड़ाPublished: Jun 25, 2018 01:24:39 pm

Submitted by:

tej narayan

जिले के सभी राजकीय प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पहली से 5 वीं के बच्चों में हर शनिवार मध्यान्ह भोजन के बाद रचनात्मक गतिविधियां होगी

Every Saturday Bags in Schools Free Saturday Afternoon in bhilwara

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भीलवाड़ा।

जिले के सभी राजकीय प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पहली से 5 वीं के बच्चों में हर शनिवार मध्यान्ह भोजन के बाद रचनात्मक गतिविधियां होगी।
‘बैग फ्री सैटरडे आफ्टरनून कार्यक्रम में शिक्षक बच्चों को रचनात्मक व सृजनात्मक गतिविधियां कराएंगे। इनके साक्ष्य कक्षा-कक्ष में लगाना व बच्चे के पोर्टफोलियो फाइल आदि में संधारित करना होगा। इसकी मासिक रिपोर्ट रमसा-एसएसए कार्यालय को भेजनी होगी।
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दरअसल कलक्टर की अध्यक्षता में जिला निष्पादन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि स्कूली बच्चों को रचनात्मक व सृजन के मौके मुहैया कराने के लिए जिले में ‘बैग फ्री सैटरडे आफ्टरनून कराया जाए। शुरू में जिले के 21 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 5 वीं तक के बच्चों के साथ शिक्षक रचनात्मक गतितिविधियां कर ‘सीटीओबी के नाम से बने व्हाट्सएप समूह में साझा कर रहे थे। इससे बच्चों की रचना प्रदर्शन से कक्षा-कक्ष आकर्षक हुए वहीं बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा।
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जिला निष्पादन समिति की 29 मई को कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक में इसकी समीक्षा की तो जिले के सभी विद्यालयों में यह कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया। इसकी क्रियान्विति के लिए जिले के समस्त राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों को निर्देश दिए हैं।
बच्चों को ये लाभ होंगे
बच्चों का दिमागी विकास होगा। आनंद की अनुभूति, मनोरंजन सम्प्रेषण क्षमता, सहयोग एवं सहभागिता का विकास, संस्कृति की समझ बढ़ेगी, पढ़ाई में रोचकता, जिज्ञासा जगाना, चिंतन एवं मंथन क्षमता का विकास, सृजनात्मकता एवं नयापन का विकास, प्रयोग की क्षमता का विकास, एकाग्रता एवं ध्यान केंद्रण का विकास, निर्णय व कल्पनाशीलता क्षमता का विकास होगा।

यह सब होगा
नृत्य, मुखौटे तैयार करना, ठप्पा पेंटिंग, कबाड़ से जुगाड़ की कहानी सुनना-सुनाना, कहानी सृजन, कविताएं सुनना-सुनाना, किसी विषय पर संवाद, छापा पेंटिंग, खेल खेलना, एकाभिनय-मूकाभिनय, नाटक , विषय आधारित चित्रांकन, अंताक्षरी, पेपर कटिंग, धागा पेंटिंग, क्ले कार्य, कोलाज बनाना, थम्ब पेंटिंग, स्वतंत्र चित्रांकन, संगीत व पेपर फोल्डिंग आदि।
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