
Farmers like MSP in bhilwara
भीलवाड़ा।
जिले में गेहूं की कीमतों के मनचाहे दाम नहीं मिलने से किसानों को सरकार की तरफ से घोषित समर्थन मूल्य रास आने लगा है। यहां मंडी स्थित भारतीय खाद्य निगम के सरकारी खरीद केन्द्र पर प्रतिदिन एक हजार बोरियां तुलने को आ रही है। खास बात ये है कि जिले में तहसील स्तर पर समर्थन मूल्य बिक्री केन्द्र खुले हुए हैं, लेकिन अधिकांश किसान भीलवाड़ा स्थित एफसीआई केन्द्र का ही रुख कर रहे हैं। दूसरी तरफ चने के दाम गिरने से किसानों के चेहरों पर चिंता की रेखाएं है।
भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी केन्द्र परिसर में एफसीआई ने समर्थन मूल्य का केन्द्र खोल रखा है। यहां गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल तय है। इस बार गेहूं की बम्पर उपज होने से बाजार में किसानों को मनचाहा दाम नहीं मिल पा रहा है, खास कर मिल क्वालिटी के गेहूं की कीमतों में गिरावट होने से किसान मंडी का रुख कर रहे हैं। मंडी के पूर्व निदेशक शिव गगरानी बताते हैं कि अभी एक हजार बोरी रोजाना तुल रही हैं। केन्द्र पर बारदाना की कोई कमी नहीं है और किसानों को ऑन लाइन भुगतान किया जा रहा है।
कोटड़ी, शाहपुरा, मांडलगढ़, बिजौलियां मंडी होने के बावजूद किसान अपनी कृषि जिंस भीलवाड़ा ला रहे है। गत वर्ष के मुकाबले समर्थन मूल्य बिक्री केन्द्र पर तुलाई का कार्य बढ़ा है। इधर, गेहूं की विभिन्न किस्मों की मंडी में आवाजाही बनी हुई है और खुले बाजार में रोजाना दो हजार बोरी आ रही है। गेहूं प्रति क्विंटल 2200 रुपए तक बिक रहा है।
आस्ट्रेलिया के चने से आई मंदी
कृषि मंत्रालय ने चने की आस्ट्रेलिया से बम्पर खरीद की है। इसका असर जिले की मंडी पर भी आया है। गत वर्ष यहां चने के दाम प्रति क्विंटल 5500 रुपए तक मिल रहे थे, लेकिन इस बार ये दाम आधे यानि 3200 रुपए प्रति क्विंटल तक रह गए है। शाहपुरा व कोटड़ी के किसान बताते हैं कि चने ने इस बार काफी मेहनत मांगी, लेकिन उन्हें पूरे दाम नहीं मिल सके। इसी प्रकार सरसों के दाम भी गत वर्ष की तुलना में पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल तक गिरे हैं। मंडी भाव अभी ३३०० रुपए प्रति क्विंटल है।
Published on:
08 May 2018 03:41 pm
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