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किसानों को अब मधुमक्खी पालन पर मिलेगा अनुदान, सरकार देगी 40 फीसदी सब्सिडी

- राजकिसान साथी पोर्टल पर करना होगा आवेदन - 1000 बी-बॉक्स, 1000 बी कॉलोनी और 20 बी-कीपिंग किट वितरण की तैयारी - दो चरणों में दी जाएगी अनुदान राशि

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Farmers will now get subsidy on beekeeping

Farmers will now get subsidy on beekeeping

किसानों की आय बढ़ाने और वैकल्पिक आजीविका को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार अब मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा देगी। इसके तहत मधुमक्खी पालक किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान पर बी-बॉक्स, बी-कॉलोनी, बी-कीपिंग किट और बी-बॉक्स माइग्रेशन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह अनुदान कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन

उद्यान विभाग के अनुसार मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसान राजकिसान साथी पोर्टल के माध्यम से ई-मित्र केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसान के पास कम से कम 0.40 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न करना आवश्यक होगा। इनमें छह माह से अधिक पुरानी नई जमाबंदी की नकल। उद्यान से पंजीकृत फर्म का कोटेशन तथा आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण प्रमाणपत्र।

दो वर्ष में मिलेगा अनुदान

  • अनुदान राशि 60:40 के अनुपात में दो वर्षों में दी जाएगी।
  • पहले वर्ष: अनुदान राशि का 60 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
  • दूसरे वर्ष: शेष 40 प्रतिशत राशि मधुमक्खियों की जीवितता के पुनः सत्यापन के बाद दी जाएगी।

इन श्रेणियों को मिलेगी प्राथमिकता

इस योजना के तहत निम्न वर्गों के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें लघु एवं सीमांत किसान। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसान, महिला कृषक, मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किसान। प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम 50 बी-बॉक्स और 50 बी-कॉलोनी तक का अनुदान दिया जाएगा।

मधुमक्खी पालन से फायदे

  • - फसलों के परागण में मदद से उत्पादन बढ़ता है।
  • - शहद, मोम, रॉयल जेली जैसे उप-उत्पादों से अतिरिक्त आय।
  • - कम निवेश में बेहतर मुनाफा और दीर्घकालिक स्थिरता।
  • - ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार का नया अवसर।

मधुमक्खी पालन से बढेगी आय

मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में 30-40 प्रतिशत तक वृद्धि की संभावनाएं हैं। यह कृषि के साथ जुड़ा एक टिकाऊ व्यवसाय है जो फसल परागण में भी सहायक है।

डॉ. शंकर सिंह राठौड़, उप निदेशक उद्यान, भीलवाड़ा