
Got a quarter million cylinder in bhilwara
भीलवाड़ा।
उज्ज्वला योजना में ग्रामीण क्षेत्र में दिए नि:शुल्क गैस कनेक्शन मजदूर व गरीब तबके के लिए राहत के बजाय मुसीबत का सबब बन गए। सिलेण्डर मिलने पर इनको प्रतिमाह केरोसिन बंद कर दिया गया। पैसे के अभाव में कमजोर तबके लिए दूसरी बार सिलेण्डर भरवाना संभव नहीं हुआ। लिहाजा एक माह तक गैस पर खाना बनाने के बाद अब फिर से बड़ी संख्या में महिलाएं चूल्हे फूंकने में लग गई।
केन्द्र सरकार ने उज्जवला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन दिए। जिले में २३ अप्रेल तक १ लाख २७ हजार ९३० गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं लेकिन सच्चाई यह है कि एक बार कनेक्शन मिलने के बाद 90 प्रतिशत लोग सिलेण्डर रिफिलिंग को नहीं पहुंच रहे हैं। अधिकांश लाभर्थियों को तो योजना की पूरी जानकारी ही नहीं। प्रशासन के किसी नुमाइंदे ने उन्हें आकर योजना की जानकारी नहीं दी।
पत्रिका ने योजना का जमीनी सच जाना तो लोगों के घरों में उज्जवला के गैस सिलेण्डर धूल खा रहे हैं। लोग दूसरी बार सिलेण्डर भरवाने नहीं पहुंच रहे हैं। इनको गैस सिलेण्डरधारी मानते केरोसिन के लाभ से भी वंचित कर दिया गया। अब इनके पास केवल लकडिय़ों का ही सहारा बचा है।
नि:शुल्क नहीं है लोन चुकाना पड़ेगा
उज्जवला के तहत गैस कनेक्शन नि:शुल्क के नाम पर भले ही दिया जा रहा है। लेकिन असल में 4800 रुपए का ऋण या 16०० रुपए सरकारी सब्सिडी के साथ 4800 या 1300 रुपए उपभोक्ता पर ऋण है। इसकी जानकारी अभी उपभोक्ताओं को नहीं दी जा रही है। यह किस्तों में हर रिफिलिंग पर मिलने वाली सब्सिडी नहीं देकर कटेगा। पूरा ऋण जमा होने के बाद ही उपभोक्ता को सब्सिडी मिलना शुरू होगी। तब तक इनकी 760 रुपए देकर सिलेण्डर खरीदने की क्षमता नहीं है वह बाकी किस्तें चार साल में भी चुक पाए यह कहना मुश्किल है।
वार्ड नम्बर ४४ सोफिया स्कूल के पास रहने वाली नारायणीदेवी भील को जून 2017 मेंं कनेक्शन दिया। तब से नारायणी ने सिलेण्डर को रिफिल नहीं कराया। अब लकड़ी पर खाना बना रही है। केरोसिन बन्द कर दिया गया।
सांगानेरी गेट के पास रहने वाली सुशीला देवी गाच्छा को 30 मार्च 2017 को कनेक्शन मिला। दूसरा सिलेण्डर भरवाने को पैसे नहीं है। अब चूल्हे पर ही खाना बना रही है।
2.15 लाख का लक्ष्य
सरकार ने 2 लाख 15,913 कनेक्शन का लक्ष्य दिया। अब तक 1 लाख 27, 930को कनेक्शन दे चुके। लोगों में अभी जागृति की कमी है। इसके लिए अभियान चलाएंगे। दूसरे चरण में छह सिलेण्डर तक किसी को भी राशि देने की जरूरत नहीं है।
अमरेंद्र मिश्रा, प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग
Published on:
10 May 2018 01:50 pm
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