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भ्रष्टाचार पर सरकार का ‘टाइम-बाउंड’ वार

अब शिकायतें फाइलों में नहीं अटकेंगी, तय समय में होगी जांच देरी पर जिम्मेदार अधिकारी नपेंगे

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Government's 'time-bound' attack on corruption

Government's 'time-bound' attack on corruption

राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जनप्रतिनिधियों और लोकसेवकों के खिलाफ आने वाली शिकायतों की जांच अब केवल सक्षम अधिकारी ही करेंगे और यह जांच निर्धारित समय सीमा में पूरी करनी होगी। आदेश में साफ कहा गया है कि जांच में देरी या लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होगी।

शिकायतों के निस्तारण के लिए तय की समय सीमा

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव एवं आयुक्त डॉ. जोगाराम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जॉब कार्ड, पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और व्यक्तिगत लाभ से जुड़ी शिकायतों की जांच 10 दिन में हो। पट्टों और निर्माण कार्यों से संबंधित शिकायतों का निस्तारण 15 दिन में करना होगा। एक वर्ष से अधिक पुरानी शिकायत एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से प्राप्त मामले का निस्तारण 30 दिन में करना होगा।

जांच का जिम्मा केवल योग्य अधिकारियों को

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपने स्तर पर जांच की निगरानी करेंगे। शिकायत मिलते ही तुरंत जांच दल बनाया जाएगा। जांच दल में कम से कम एक आरएएस या सक्षम अधिकारी का होना अनिवार्य होगा। यदि शिकायत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति के जनप्रतिनिधियों या अधिकारियों के खिलाफ है, तो जांच दल जिला स्तर से गठित होगा।

क्यों उठाया गया यह कदम

पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतों में इजाफा हुआ है। कई मामले महीनों तक फाइलों में अटके रहे। इससे न केवल पीड़ितों को न्याय में देरी हुई बल्कि योजनाओं की साख भी प्रभावित हुई। सरकार का मानना है कि टाइम-बाउंड जांच प्रणाली से जनता का भरोसा बढ़ेगा। गलत कार्य करने वालों पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी। फर्जी और बेबुनियाद शिकायतों की भी जल्दी छंटनी हो सकेगी।

जनता की शिकायतों का जल्द होगा निस्तारण

जनता की शिकायतों का त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी निस्तारण पहली प्राथमिकता है। निर्धारित समय सीमा में जांच पूरी करना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने जो टाइम बाउंड किया है उसके तहत ही जांच की जाएगी।

चंद्रभानसिंह भाटी, सीईओ जिला परिषद भीलवाड़ा