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फूड प्रोसेसिंग इकाई व एथेनॉल प्लांट लगे तो भीलवाड़ा बन सकता मक्का का हब

मंडी व्यापारी बोले, केन्द्र व राज्य सरकार करे मदद तो किसानों को मिलेंगे ज्यादा दाम

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मंडी व्यापारी बोले, केन्द्र व राज्य सरकार करे मदद तो किसानों को मिलेंगे ज्यादा दाम

मंडी व्यापारी बोले, केन्द्र व राज्य सरकार करे मदद तो किसानों को मिलेंगे ज्यादा दाम

Bhilwara news: भीलवाड़ा जिले की सबसे बड़ी अ श्रेणी की मंडी है। जिले में सबसे ज्यादा हाइब्रिड मक्का (शंकर) का उत्पादन होता है। यह मक्का जिले के अलावा, शाहपुरा तथा चित्तौड़गढ़ से भी मक्का भीलवाड़ा मंडी में बिकने के लिए आता है। लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार की मदद नहीं मिलने से पिछले तीन साल में एथेनॉल प्लांट मध्यप्रदेश में लगे है। प्लांट भीलवाड़ा में लगे तो तीन जिलों के किसानों को फायदा होगा। इसके लिए सरकार को अनुदान के साथ जमीन भी उपलब्ध करानी होगी। राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे अभियान अपनी उपज, अपना उद्योग को लेकर मंडी के व्यापारियों के साथ टॉक शो की गई तो यह पीड़ा उभर कर सामने आई है।

किसानों को अधिक मिलेंगे दाम

भीलवाड़ा जिले में मक्का प्रोसेसिंग का एक भी प्लांट नहीं होने से मक्का यहां से बाहर जा रहा है। इस पर 200 से 300 रुपए क्विटंल का अतिरिक्त खर्चा आता है। वही एथेनॉल तेल भीलवाड़ा में बिकने के लिए आता है। इससे इसकी कीमत 500 रुपए तक बढ जाती है। अगर प्लांट भीलवाड़ा में लग जाए तो इसके दाम भी कम होंगे। वही मक्का 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ज्यादा भाव में बिकेगा। इससे किसानों की आय बढेगी। प्लांट लगने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। ऐसे तीन-चार प्लांट लग जाए तो भीलवाड़ा मक्का प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हब बन जाएगा।

केन्द्र व राज्य सरकार से मिले मदद

व्यापारियों का कहना है कि केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की फसल को महत्व देने के साथ प्लांट के लिए जमीन, अनुदान दे तो यहां प्लांट लग सकता है। अभी मध्यप्रदेश के नीमच में एथेनॉल प्लांट लग रहे है। भीलवाड़ा जिले से मक्का पंजाब, हरियाणा, एमपी, गुजरात के अलावा विदेशों में मक्का जा रहा है। प्लांट लगे तो यह मक्का यही काम आ सकता है। इससे व्यापार व मंडी में वृद्धि होगी।

इन बाधाओं को करें दूर

  • मक्का की प्रसंस्करण इकाइयां लगाने में नीतियों का सरलीकरण हो।
  • स्थानीय कृषि उत्पादों का हब बनने की पहल हो।
  • रिसर्च सेंटर की स्थापना हो।
  • किसान कल्याण टैक्स से व्यापारी परेशान।
  • क्लीनिंग, ग्रेडिंग के लिए कोई मशीन नहीं है।
  • प्रोसेसिंग इकाइयों की दरकार है।
  • सरकार को कृषि उत्पादक को प्रोत्साहन देना चाहिए।
  • सरकार की ओर से उद्योग नीति जारी की जानी चाहिए।

इन व्यापारियों ने हिस्सा

पत्रिका के टॉक शो में मंडी व्यापार महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार गगरानी, माणक जागेटिया, ललित कुमार पारीक, विष्णु बिड़ला, प्रियंका माली, महेश झंवर, जितेन्द्र जैन, भगवान कुम्हार, गोविन्द गुर्जर, पन्नालाल शर्मा, बाबुलाल, उदयलाल, प्रदीप कुमार आदि व्यापारियों ने हिस्सा लिया।