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विदेशी सिगरेट का अवैध कारोबार, न प्रिंट रेट, न ही चेतावनी

सप्लाई के नियम भी धुआं-धुआंचिकित्सा व राज्य कर विभाग खामोश

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विदेशी सिगरेट का अवैध कारोबार, न प्रिंट रेट, न ही चेतावनी

विदेशी सिगरेट का अवैध कारोबार, न प्रिंट रेट, न ही चेतावनी

भीलवाड़ा।
शहर की हर गली-मोहल्ले की छोटी से छोटी पान की दुकान पर विदेशी ब्रांड। न कोई प्रिंट रेट और न ही सरकार के नियम के हिसाब से पैकेट पर कोई चेतावनी। सिगरेट का यह काला धंधा भीलवाड़ा जिले में चरम पर है। स्टॉक में लाखों की अवैध सिगरेट जमा है। प्रिंट न होने की वजह से टैक्स का भी सवाल नहीं। संबंधित विभाग खामोश हैं। इस धीमे जहर की युवाओं तक सीधे सप्लाई हो रही है। कोरोना काल मे सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है और ऐसे में जिम्मेदार विभाग चुप्पी साधे बैठे है। इससे सरकार को राजस्व नहीं मिल रहा है। अवैध सिगरेट की सप्लाई करने वालो की मोटी काली कमाई का धंधा दिन रात फल-फूल रहा है।
यह विदेशी ब्रांड सबसे ज्यादा चलन में
गुडंग गरम, ब्लैक, लाइट्स, स्लिम्स मूड्स, जरूम ब्लैक, डब्ल्यूए, डनहिल स्विच, पाइन, एस और मॉन्ड ब्रांड की सिगरेट सबसे ज्यादा चलन में है। यह सिगरेट सबसे सस्ती होने से लोग आसानी से इसका सेवन करते है।
यह है नियम
सिगरेट के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने और तंबाकू उत्पादों के प्रति बढ़ रहे प्रचलन को कम करने के मकसद से वर्ष 2003 में सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) लागू किया गया था। इसके तहत देश में तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए उसके पैकेट पर हिंदी व अंग्रेजी में चेतावनी के साथ ही सिगरेट के पैकेट पर 85प्रतिशत चेतावनी का चित्र होना अनिवार्य है। पैकेट पर एमआरपी, निर्माता एवं आयात करने वाली कंपनी का नाम पता, पैकेट में मात्रा होना आवश्यक है।
यहां उड़ रही हैं धज्जियां
सिगरेट पर करीब 50 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसके लिए पैकेट पर प्रिंट रेट होना जरूरी है, लेकिन विदेशी ब्रांड की सिगरेट पर कोई रेट नहीं होता। मनमाने तरीके से बेचने के साथ ही टैक्स की पूरी तरह से चोरी होती है। इसके अलावा कोटपा एक्ट के तहत किसी भी ब्रांड पर वॉर्निंग या फोटो नहीं दिया जा रहा है।
यहां से हो रही है सप्लाई
विदेशी सिगरेट का अवैध धंधा पहले पंजाब में चरम पर था। बीते कुछ वर्षों में वहां सरकार की सख्ती के चलते पूरा माल उत्तराखंड से सप्लाई होने लगा। शहर के यूआईटी मार्केट, गोल प्याऊ चौराहा, सदर बाजार, बाजार नम्बर दो समेत अन्य दुकानदारों के पास तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के पास लाखों रुपए का अवैध सिगरेट का स्टॉक है। इसके अलावा अन्य राज्यों व देशों से भी विदेशी सिगरेट की सप्लाई का धंधा चरम पर है।
यह है कार्रवाई और सजा का प्रावधान
- कर चोरी के आधार पर देखें तो राज्य कर विभाग और केंद्रीय कर विभाग को इस मामले में कार्रवाई का अधिकार है। वह टैक्स चोरी के मामले में छापेमारी कर माल सीज कर सकते हैं।
- सब इंस्पेक्टर से ऊपर रैंक का कोई भी अधिकारी कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकता है।
- कोटपा एक्ट के तहत पहली बार उल्लंघन करने वाले को पांच हजार रुपए जुर्माना या दो साल की सजा या दोनों का प्रावधान है। दूसरी बार कोटपा का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर दस हजार रुपए जुर्माना या पांच साल की सजा या दोनों का प्रावधान किया गया है।
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विदेशी सिगरेट बिकने की शिकायत मिली है। इस पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कुछ स्थानों का चयन किया है।
डॉ. मुस्ताक खान, सीएमएचओ भीलवाड़ा