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पुलिस व खान विभाग की मिलीभगत से बजरी का अवैध खनन का खेल

भीलवाड़ा तहसील क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे बजरी का अवैध खनन और परिवहन धडल्ले से हो रहा है।

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पुलिस व खान विभाग की मिलीभगत से बजरी का अवैध खनन का खेल

पुलिस व खान विभाग की मिलीभगत से बजरी का अवैध खनन का खेल

भीलवाड़ा तहसील क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे बजरी का अवैध खनन और परिवहन धडल्ले से हो रहा है। इस पर अंकुश लगाने के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं है , आरोप है कि उनकी मिलीभगत से ही बजरी का अवैध खनन और परिवहन हो रहा है। बुधवार रात को भी शक्करगढ़ क्षेत्र के उथरना में अवैध बजरी का परिवहन करते एक ट्रैक्टर चालक को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस-प्रशासन को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही की जाती है। भीलवाड़ा, जहाजपुर तथा कोटड़ी क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे बजरी के अवैध खनन को लेकर चर्चा आम है कि बजरी माफिया व पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से बजरी का अवैध खनन हो रहा है।


2 जून तक का स्टॉक

खनिज विभाग का दावा है कि लीज धारक ने लीज के पास ही बजरी का स्टॉक कर रखा है। इसके कारण यह बजरी जून तक बेची जा सकती है। अवैध बजरी खनन के मामले में पुलिस-प्रशासन की सुस्ती से बजरी माफियाओं का धंधा खूब चल रहा है। क्योंकि रात के अंधेरे में बजरी माफिया बनास नदी में लोडर, जेसीबी मशीन ले जाकर अवैध खनन करते हैं। खनिज विभाग और पुलिस- प्रशासन ने पिछले दिनों बजरी के अवैध स्टॉक को जब्त किया था। लेकिन बजरी माफिया जब्त स्टॉक में से भी बजरी भरकर ले जा रहे हैं। हमीरगढ़, कान्याखेड़ी, मंगरोप, जहाजपुर, कोटड़ी, कांदा, गेंदलिया समेत दर्जनों गावों से देर रात में अवैध बजरी की निकासी की जा रही है।
मिलीभगत से हुई बजरी महंगी

ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने थोड़े दिन तक सख्ती दिखाकर अवैध बजरी पर रोक लगाई थी । सख्ती के बाद बजरी के दाम तीन गुना तक बढ़ गए। शहर में भवन निर्माण के लिए पहले एक ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी 1500 से 2000 रुपए में आती थी वही बजरी अब 6 से 10 हजार तक आ रही हैं। इसके कारण भवन निर्माण में जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

तीन मीटर से भी अधिक गहराई में खोदा जा रहा

कान्या खेड़ी स्थित बनास नदी में कई जगहों पर 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे खोद कर बजरी का दोहन किया जा रहा है। नदी से अधिकांश जगहों से बजरी निकालने से अब पत्थर ही पत्थर नजर आते है। नदी में रात के समय पुलिस व खनिज विभाग के कर्मियों की मिली भगत से ही बजरी का अवैध दोहन हो रहा है।
जांच करवाते है

कान्याखेड़ी स्थित बनास नदी में हो रहे अवैध खनन की जांच करने के लिए संबंधित को कहा है, हालांकि इस मामले को अब नए खनिज अभियन्ता देखेंगे।
सत्यनारायण कुमावत, खनिज अभियन्ता भीलवाड़ा