
भीलवाड़ा। बनास नदी में बजरी की एक भी लीज नहीं है। इसके बाद भी मंगरोप के निकट से गुजर रही बनास नदी में बजरी का अंधाधुंध अवैध दोहन हो रहा है। अफसरों के आशीर्वाद से माफिया चांदी कूट रहे है। राजस्थान पत्रिका ने शुक्रवार सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक मंगरोप रोड पर नजर रखी तो हालात चौकाने नजर आए।
पुलिस व खनिज विभाग की अनदेखी के कारण एक घंटे में 20 से अधिक बजरी से भरे ट्रैक्टर बेखौफ होकर दौड़ लगाते रहे। इनको रोकने की अफसरों ने कोई जहमत नहीं उठाई। जबकि गत दिनों ही प्रदेश के कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई वीसी बैठक में अवैध खनन को लेकर मुयमंत्री भजनलाल शर्मा नाराजगी जाहिर कर चुके है। मंगरोप से आई बजरी मंगरोप, सदर, कोतवाली और भीमगंज थाना क्षेत्र में बेखौफ खाली हुई और पुलिस अफसर सोते रहे।
पत्रिका टीम जब मंगरोप रोड़ पहुंची तो इस मार्ग से निकलने वाले बजरी से भरे ट्रैक्टर चालक टीम को देखकर इधर-उधर गलियों में भागने लगे। एस्कॉट कर रहे माफिया को फोन करके सूचना देते नजर आए। उसके बाद ट्रैक्टर गायब हो गए। जबकि एक घंटे में बीस से अधिक ट्रैक्टर निकल चुके थे। बजरी माफिया का कहना है कि खनिज विभाग कार्रवाई तो करती है। लेकिन एक ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ने के बाद बीस से अधिक वाहन अफसरों से ही आसानी से निकल जाते है। कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती है।
सीएम शर्मा ने अवैध खनन रोकने के लिए प्रदेश में सख्ती करने के आदेश दिए। प्रशासन ने भी महज दिखावे के लिए कागजी अभियान चला रखा है। उधर, सरकार ने रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में बजरी की लीज दे रखी है, वहा से बजरी का खनन जनप्रतिनिधि या उनके परिवार के लोग नहीं करने दे रहे है।
इसके कारण रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में लगातार बजरी का अवैध दोहन हो रहा है। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी सरकार के आदेश को नहीं मानते। जनप्रतिनिधि का कहना है कि सरकार ने रायपुर-सहाड़ा क्षेत्र में बजरी की कोई लीज जारी नहीं कर रखी है। अगर जारी भी कर रखी है तो बजरी नहीं निकालने देंगे। मामले में कलक्टर, खनिज विभाग के अधिकारियों ने भी दखल दिया, लेकिन सरकार के आदेश मानने को तैयार नहीं है।
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Updated on:
12 Apr 2025 09:04 am
Published on:
12 Apr 2025 09:03 am
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