भीलवाड़ा जिले के मांडल कस्बे में स्थित प्रदेश के ए श्रेणी के सबसे बड़े तालाब में मिट्टी के साथ अभ्रक का भी अवैध खनन हो रहा है। प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के दौरान तालाब से अभ्रक निकालने के उपकरण जब्त किए हैं। वही अवैध मिट्टी से भरी दो ट्रेक्टरट्रॉली को भी जब्त कर उन्हें मांडल थाना पुलिस के सुपुर्द किया। इस कार्रवाई से पहले ही सूचना मिलने पर तालाब में मिट्टी खोदने में लगी जेसीबी को हटा दिया गया। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में गुरुवार के अंक में मांडल तालाब में धड़ल्ले से हो रहा मिट्टी का अवैध दोहन शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसे उपखंड अधिकारी सीएल शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार सुमन गुर्जर को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
तहसीलदार सुमन गुर्जर के नेतृत्व में गठित दल ने गुरुवार सुबह भीलवाड़ा मार्ग पर मांडल तालाब से अवैध मिट्टी ले जाते दो ट्रेक्टरट्रॉली को जब्त कर पुलिस को सौपा। अलसुबह कीरखेड़ा मार्ग पर ट्रेक्टर तेज गति से दौड़ रहे थे। प्रशासन की कार्रवाई को देख सब गायब हो गए। नायब तहसीलदार लक्ष्मीलाल शर्मा, गिरदावर दुर्गेश तेली व पटवारी प्रमोद कुमार ने तालाब के पेटा क्षेत्र में हो रहे अवैध मिट्टी दोहन का मौका निरीक्षण किया। मौके पर कोई भी वाहन नहीं मिला, लेकिन मिट्टी खनन के ताजा निशान मिले हैं।
अभ्रक का भी अवैध खनन
दल को पेटाकास्त क्षेत्र में कई गड्ढे में अभ्रक का खनन भी मिला। प्रशासन के वाहन को देखकर वहां काम कर रहे श्रमिक अपने औजार छोड़ कर भाग निकले। दल ने मौके से गेती, तगारी, पावडा, सरिए, हथोड़े जब्त किए हैं। प्रशासन की टीम के निकलने के कुछ समय बाद ही वहां फिर से खनन शुरू हो गया था।
कलक्टर व एसपी से की थी शिकायत
जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू व पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव ने गत 28 फरवरी को मांडल थाने में शांति समिति की बैठक ली थी। इसमें लोगों ने मांडल तालाब व चारागाह जमीन से अवैध मिट्टी खनन की शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से अवैध खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे थे।
Published on:
13 Jun 2025 08:40 am