
Industries pose a threat to life
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व सरकार्यवाह सुरेश चंद्र जोशी (भैयाजी) ने कहा कि आधुनिकता और उद्योग प्रधान व्यवस्था के कारण हमने अपने ही जीवन में संकट खड़ा कर दिया है। जहां डाईंग, कपड़ा या चमड़ा उद्योग स्थापित हुए वहां की नदियां और भूमिगत जल बुरी तरह प्रदूषित हुआ। भैयाजी जोशी शनिवार को आरसीएम वर्ल्ड में आयोजित सुविचार अभियान संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा का कपड़ा प्रोसेस व डाइंग उद्योग, कर्नाटक के कोयम्बटूर, इरोड, महाराष्ट्र के मालेगांव-इचलकरंजी और यूपी के कानपुर-लखनऊ में उद्योगों से जल प्रदूषण की स्थिति साफ नजर आती है। चमड़े के उद्योगों में प्रयुक्त रसायन गंगा में छोड़े गए, जो स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। कपड़ा उद्योग बोरिंग करके सीधे भूमिगत जल में रसायन डाल रहे हैं। इससे पेयजल विषाक्त और वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है।
खेती में विविधता खत्म होने पर चिंता
जोशी ने कहा कि सोयाबीन आने के बाद देशभर में पारंपरिक फसलों मूंगफली, तिल्ली, सरसों आदि की खेती कम हो गई। आधुनिकता के चक्र में फंसकर आज हमने संकट को मोल लिया। देश में एक प्रकार की खेती का क्रम भारत में चल पड़ा है। जब से देश में सोयाबीन आया तब से देश के कोने-कोने में सोयाबीन का उत्पादन होने लगा है। जो इस देश का नहीं है। इसका प्रभाव कृषि पर होता है और दुर्भाग्य से किसान ने इस एक प्रकार की खेती को स्वीकार करने की दिशा में कदम डाला।
विलायती बबूल का उन्मूलन करना होगा
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि आज पर्यावरण को बचाने में सरकार और समाज लगा है। चारागाह के विकास को निरंतर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। विलायती बबूल के कारण आज सबसे ज्यादा नुकसान गोचर भूमि को हो रहा है। विलायती बबूल का उन्मूलन करना होगा। इस अवसर पर चारागाह विकास, जल संरक्षण और रसायन मुक्त खेती के क्षेत्र में काम करने वाले राजस्थान क्षेत्र के 800 से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत तुलसी पौधे में जलार्पण से हुई। संगोष्ठी में प्रांत कार्यवाह शंकर लाल माली, कलक्टर जसमीत सिंह संधू, आरसीएम निदेशक तिलोकचंद छाबड़ा, ग्राम विकास सहसंयोजक शंभू गिरी, क्षेत्र संघ चालक रमेश अग्रवाल ने विचार व्यक्त किए। समारोह में भरतपुर सांसद रंजीता कोली, सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक अशोक कोठारी, लालाराम बेरवा, गोपीचंद मीणा, उदयलाल भड़ाना, लादू लाल पितलिया सहित अनेक प्रबुद्ध जने मौजूद रहे।
Published on:
31 Aug 2025 11:10 am
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