
Iron Haldar on bike farming in bhilwara
बिजौलियां।
ऊपरमाल क्षेत्र में किसान इन दिनों बुवाई के लिए मोटरसाइकिल में लोहे का हल लगाकर बनाया जुगाड़ काम में ले रहे हैं। क्षेत्र में यह सिलसिला गत 5-7 सालों से बराबर चल रहा है। कई किसानों ने तो तीन पहिया मोटर साइकिल बनाकर उस पर जुगाड़ से लोहे का हल लगा रखा है। कई किसानों ने मोटर साइकिल की पिछली सीट पर हल को बांध लिया है और इसे काम ले रहे हैं। परिवार के सदस्य बीज डालने के लिए हल के साथ साथ चलते हैं। यह जुगाड़ ऊपरमाल में कम लागत व कम खर्च के कारण काफी लोकप्रिय हो रहा है।
पिछले कई सालों से यह देखने में आया है कि बैलों की संख्या नहीं के बराबर रह गई है और पशुपालन में भी किसानों की रूचि धीरे धीरे कम होती जा रही है। दूसरी तरफ ट्रैक्टर आदि से खेतों में खर्च अधिक आने से किसान वर्ग इसको कम पसंद करते हैं। इसीलिए मोटर साइकिल के जुगाड़ वाला हल काफी चल रहा है।
कम खर्च के साथ आसानी
किसानों का कहना है कि एक मोटर साइकिल पर करीब 250 रुपए के पेट्रोल खर्च से कम समय में एक दिन मे 7-8 बीघा भूमि परबुवाई की जा सकती है और इसे चलाने मे भी आसानी रहती है। ऊपरमाल क्षेत्र के कल्याणपुरा नया गांव छोटी बिजौलियां, थड़ौदा, जाबदा, गोपालपुरा, माजी साहब का खेड़ा, गोविन्द निवास, लक्ष्मीनिवास, गणेशपुरा, विक्रमपुरा, कामां, लक्ष्मीखेडा आदि गांवों किसान इसे बहुतायात से काम में ले रहे है।
बेखौफ चल रही जेसीबी और बजरी से भरे ट्रेक्टर
गेंदलिया.क्षेत्र में बनास नदी में दिन रात बजरी का अवैध दोहन किया जा रहा है। वैसे तो बजरी दोहन पूरे राजस्थान मे रोक है लेकिन असर कहीं नजर नहीं आता। क्षेत्र में अधिकांश गांवों में जेसीबी मशीनों से दिनदहाड़े बजरी भरी जा रही है। वहीं बजरी दोहन करने वाली जेसीबी मशीनों, ट्रेक्टर चालकों, डम्परों व बजरी माफियों पर पुलिस प्रशासन व खनिज विभाग कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है। जिससे लोगों का उन पर भरोसा उठता जा रहा है। खनन करने के बाद बेखौफ बजरी परिवहन करने वाले वाहन तेज रफ्तार से गुजर रहे हंै। जिससे आए दिन आमजन हादसे का शिकार हो रहे है।
लगाया स्टोक
कार्रवाई नहीं होने से चरागाह, धार्मिक स्थल, बिलानाम भूमि पर बजरी के अवैध स्टोक कर यहां से जेसीबी से भरकर व्यापार किया जा रहा है। वैसे तो कोर्ट के आदेशों की पालना के लिए उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार व राजस्व विभाग द्वारा भी कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग व राजस्व विभाग की टीमें एक साथ छापामार कार्रवाई कर सकती है। जिले मे बीगोद और मंगरोप में सबसे अधिक बजरी दोहन हो रहा है।
Published on:
08 Jul 2018 08:33 pm
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