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निजी कंपनी को बिजली का ठेका देने के खिलाफ अदालत में परिवाद, डिस्कॉम अधिकारी तलब

शहर में जनहित के मुद्दों को लेकर स्थाई लोक अदालत का द्वार खटखटाया गया

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Lok Adalat

Issues of public interest in a permanent Lok Adalat in bhilwara

भीलवाड़ा।

शहर में जनहित के मुद्दों को लेकर स्थाई लोक अदालत का द्वार खटखटाया गया। अदालत ने अधिवक्ताओं और आमजन की ओर से लगाए गए परिवाद पर सुनवाई करते हुए किसी में जवाब मांगा तो किसी में नोटिस भेजा गया। शहर में बिजली का ठेका सिक्योर मीटरिंग और सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को देने के प्रमुख मामले में अदालत ने डिस्कॉम अधिकारियों को 30 मई तक का समय दिया गया है।


निजी लाभ के लिया ठेका, जनता पर भार
अधिवक्ता आजाद शर्मा की ओर से डिस्कॉम की ओर से सिक्योर कम्पनी को ठेका देकर जनता के साथ किए गए कुठाराघात को लेकर परिवाद दायर किया गया गया। परिवाद में बताया गया कि कम्पनी शहर में मीटर बदलने जा रही है। शहर में 90 हजार उपभोक्ता है और जो मीटर घरों में लगे हुए वह ठीक चल रहे है। उनमें कोई खराबी नहीं है। इसके बावजूद नए मीटर लगाने पर सरकार और जनता पर 8 करोड़ 50 लाख रुपए का भार पड़ेगा। मीटर बदलने के बाद बिल ज्यादा आया तो जनता को दोहरा नुकसान झेलना पड़ेगा। भीलवाड़ा में छीजत भी कम है।

उसके बावजूद निजी कम्पनी को ठेका दिया गया। वहीं हर माह बिजली का बिल अदा करने पर भी टेक्स लेकर जनता की जेब पर भार पड़ेगा। परिवाद पर मंगलवार को हुई सुनवाई में डिस्कॉम ने जवाब का समय मांगा। अदालत ने ३० मई तक का समय दिया है। उधर, सिलकोसिस पीडि़तों के लिए बजट बढ़ाने को लेकर जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, खनिज विभाग के अभियंता समेत कई लोगों के खिलाफ अधिवक्ता शर्मा ने परिवाद दायर किया। इस मामले में खनिज विभाग की ओर से जवाब का समय मांगा गया है। अदालत ने 22 मई का समय दिया।

बदहाल तरणताल
अधिवक्ता कुणाल ओझा, कौशल खाती, राहुल वर्मा, अमित पोरवाल ने तरणताल को पूर्ववत स्पोट्र्स कांउसिल से संचालित करवाने के लिए अदालत में परिवाद दायर किया। परिवाद में बताया गया कि गत 16 अप्रेल को अदालत ने उभय पक्ष की वार्तानुसार निर्धारित प्रक्रिया निविदा आमंत्रित कर तरणताल की व्यवस्था सुचारू करवाने के लिए आदेश दिए थे। परिवाद में कहा गया कि आने वाली प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभोगियों की योग्य पात्र देखते हुए पूर्ववत् स्पोट्र्स काउंसिल से शीघ्र संचालित करने की मांग की। अदालत ने पूर्व आदेश को निरस्त करते हुए न्यास को आदेश दिया कि तरणताल के भविष्य की व्यवस्था एक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार करें। लेकिन प्रतिभोगियों को तैयारी के लिए पूर्ववत स्पोस्टर्स काउंसिल से संचालित व्यवस्था के अंतर्गत तरणताल उपयोग के लिए शीघ्र उपलब्ध रखे। इससे बच्चे तैयारी करने के लिए स्वतंत्र रहे।