
Mine allocation in bhilwara
भीलवाड़ा।
सरकार ने 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर खान आवंटन नीति बंद कर ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की। अब नीलामी प्रक्रिया में आरक्षित राशि ज्यादा होने और बोली में 20 गुना तक महंगी खदान छूटने के कारण बड़ी लीज के खरीददार नहीं मिल रहे हैं। पिछले छह माह में खान विभाग ने खदानों की नीलामी तो की, लेकिन उसमें केवल छोटी लीज के ग्राहक आए, लेकिन बड़ी लीज के ग्राहक नहीं मिले। वजह यह है कि ई-नीलामी की प्रक्रिया काफी जटिल है। बोली प्रक्रिया होने से खदानें बहुत महंगी छूट रही है।
अब सरकार ने इस बजट घोषणा में खातेदारों को चार हेक्टेयर तक की खदानें बिना नीलामी के आवंटन की घोषणा तो कर दी लेकिन वह कागजी बन कर रह गई। एेसे में खदान मालिकों को इस नई नीति का इंतजार है। अभी कई लोगों ने अब आवेदन की तैयारी कर रखी है लेकिन आवंटन कैसे होगा इस बारे में कोई आदेश नहीं आए है।
राजस्व का हो रहा नुकसान
खान आवंटन में पारदर्शिता लाने के मकसद से सरकार ने नई खनन नीति बनाई, लेकिन इसके बाद खान आवंटन पूरा नहीं हुआ। इससे सरकार को राजस्व नहीं मिल पाया। साथ ही स्थानीय उद्यमियों को भी नुकसान हो रहा है। इस प्रक्रिया में खातेदार भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैंं।
ई-नीलामी के बाद खदानों के अच्छे खरीददार मिल रहे हैं। इस साल भी 40 से ज्यादा ब्लॉक का आवंटन हुआ है। खातेदार को चार हेक्टेयर तक के क्षेत्र में खान आवंटन के संबंध में अभी गाइडलाइन नहीं आई है।
अविनाश कुलदीप, अधीक्षण खनि अभियंता
Published on:
04 May 2018 12:01 pm
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