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जन आधार के नए पोर्टल को किया बंद, फिर से पुराने पर होगा काम

भीलवाड़ा. राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से हाल ही शुरू किए जन आधार के नए पोर्टल 2.0 को अस्थायी रूप से फिलहाल बंद कर दिया है। इसकी जगह जन आधार 1.0 यानी पुराना पोर्टल फिर से शुरू कर दिया है।

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जन आधार के नए पोर्टल को किया बंद, फिर से पुराने पर होगा काम

जन आधार के नए पोर्टल को किया बंद, फिर से पुराने पर होगा काम

भीलवाड़ा. राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से हाल ही शुरू किए जन आधार के नए पोर्टल 2.0 को अस्थायी रूप से फिलहाल बंद कर दिया है। इसकी जगह जन आधार 1.0 यानी पुराना पोर्टल फिर से शुरू कर दिया है। जब से नया पोर्टल शुरू किया तब से अपडेट होने में समय लग रहा था, जिससे लोग परेशान हो रहे थे।


इस समस्या को लेकर राजस्थान पत्रिका के 19 नवंबर के अंक में Òप्रदेश में जनाधार पोर्टल बंद, अपडेशन बना जनता के लिए सिरदर्दÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे। इसे सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने गंभीरता से लेते हुए एवं जनता की परेशानियों को देखते हुए जन आधार पोर्टल 2.0 (नया) की सेवाएं अस्थाई रूप से बंद कर दी। जन आधार पोर्टल 1.0 (पुराना) को पुन: शुरू किया गया है।

विभाग ने पुराना पोर्टल शुरू होने की सूचना का मैसेज भी सभी ई-मित्र कियोस्क धारकों को भेजा है। इस मैसेज में कहा है कि नए पोर्टल को इसलिए अस्थायी रूप से बंद किया गया है ताकि वर्तमान में आ रही
समस्याओं का समाधान किया जा सके। नया पोर्टल बंद होने और पुराना पुन: चालू होने के संबंध में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग भीलवाड़ा के उप निदेशक पवन नानकानी ने बताया कि पुराना पोर्टल चालू कर दिया है। अब जनता को परेशानी नहीं होगी।

उधर जिला साख्यिकी अधिकारी बीएल आमेटा ने बताया कि पूर्व पोर्टल को लेकर हुई वीसी में राजस्थान पत्रिका के समाचार को बताया गया था। वही लोगों को हो रही समस्या तथा उनके जवाब देने को लेकर इसे प्रमुखता से उठाया था। तब उच्च अधिकारियों ने पुराने पोर्टल को ही पुन: चालू करने के आदेश दिए थे। अब सभी ई-मित्र संचालकों को भी सूचना कर दी गई है।
यह आ रही थी समस्या

जन आधार के नए पोर्टल 2.0 के प्रारंभ होने के बाद से अपडेट होने में समय लग रहा था। पोर्टल के काम नहीं करने से न तो जन आधार डाउनलोड हो रहा था, न ही मुखिया और सदस्य का नाम जुड़ पा रहा था। गलती से कोई जानकारी अपडेट हो भी जाए तो उसमें काफी समय लग रहा था। ये पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में होती है, जिसमें समय लग जाता है। इसके अलावा बच्चे, युवा और बूढ़े सभी परेशान थे। इन दिनों भरे जा रहे स्कूल और कॉलेजों के स्कॉलरशिप आवेदन अटक गए थे। समय से अपडेट नहीं होने से छात्रों को स्कॉलरशिप से वंचित रहने का डर था। नौकरी के आवेदन में ओटीआर नहीं होने से बेरोजगार भी आवेदन नहीं कर पा रहे थे।