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किसानों को पैसा दिलाने में अफसरों की ढिलाई, वापस भेजने पड़ेंगे 25 करोड़

अकाल पडऩे पर सरकार अन्नदाता को मुआवजा देती है

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Not divided compensation to farmers in bhilwara

Not divided compensation to farmers in bhilwara

भीलवाड़ा.

अकाल पडऩे पर सरकार अन्नदाता को मुआवजा देती है। इसके लिए राजधानी जयपुर से पैसा आता है, लेकिन लगता है कि यहां अफसरों को पैसा बांटने में भी जोर आ रहा है। अब जिला कलक्टर को 25 करोड़ रुपए सरकार को वापस भेजने पड़ेंगे। तहसीलदारों ने मुआवजे के पात्र किसानों की सूचियां ही तैयार नहीं की। इस वजह से सरकार आया पैसा वापस भेजना पड़ रहा है।

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राजस्थान पत्रिका ने तीन सालों में बांटे मुआवजे में पड़ताल की तो सामने आया कि २५ करोड़ रुपए किसानों को मिलने थे। प्रशासन ने उन्हें बांटने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। हर सप्ताह जिला कलक्टर राजस्व अधिकारियों की बैठक में समीक्षा करते हैं। इसमें आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग की ओर से भेजे गए बजट की समीक्षा भी होती है, लेकिन काम नहीं करने वाले अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

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यही वजह है कि मुआवजे की राशि नहीं बंट पा रही। अब बदला फैसला, सीसीबी देगी पैसा

वर्ष 2017-18 (सम्वत 2073) के अकाल में अब पैसा सीसीबी के जरिए किसानों को बांटा जाएगा। यह जिम्मेदारी पटवारियों को दी थी, लेकिन काम नहीं हुआ। अब समितियों को सवा चार करोड़ रुपए के मुआवजे के लिए पात्र किसानों की सूचियां दे दी गई। अब साढ़े छह करोड़ रुपए बांटने के लिए पात्र किसानों की सूचियां चाहिए, लेकिन तहसीलदार इस काम में रुचि नहीं ले रहे हैं।

इनकी लापरवाही से मारा जाएगा किसानों का हक

अब कोटड़ी में 650 लाख रुपए के मुआवजे की जगह 311 लाख रुपए ही बांटने के लिए पात्र किसानों की सूची तैयार की गई है। हमीरगढ़ में 163 लाख के मुआवजे के मुकाबले 45 लाख, बिजौलियां में 139 लाख में से 55 लाख तथा मांडलगढ़ में 137 लाख रुपए में से मात्र 17 लाख रुपए का मुआवजा ही बांटा गया है। जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला, अफसरों को उन किसानों का पता नहीं चल पा रहा। यही नहीं सम्वत 2074 में भी पांच तहसीलों यथा शाहपुरा, फूलिया, मांडलगढ़, कोटड़ी व जहाजपुर में अकाल माना गया है। इनमें दो लाख 40 हजार काश्तकार प्रभावित है, लेकिन इन किसानों की सूची नहीं बन पा रही।

01. सरकार को वापस देने पड़े सात करोड़़
स्थिति-वर्ष 2015 - 16(सम्वत-2071) में ओलावृष्टि से फसलें खराब हुई। इससे 12 तहसीलें प्रभावित थी। सरकार ने 211 करोड़ रुपए भेजे। सहकारी समितियों ने 07 करोड़ रुपए नहीं बांटे। सूची में शामिल किसानों को ढूंढने में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। आखिर प्रशासन को मजबूरन यह राशि वापस सरकार को भेजनी पड़ा।


02. अब समितियों से वापस ले रहे पैसा
स्थिति- वर्ष 2016- 17(सम्वत 2072 ) में अकाल पड़ा। इससे १२ तहसील प्रभावित हुई। सरकार ने किसानों के लिए 170 करोड़ रुपए भेजे। इसमें भी सात करोड़ रुपए नहीं बंट पाए। अब ग्राम सेवा सहकारी समितियों से यह पैसा एकत्रित कर सरकार को भेजा जाएगा।


03. तारीख निकली, सूचियां तैयार नहीं
स्थिति-वर्ष 2017-18 ( सम्वत 2073) में चार तहसील बिजौलियां, मांडलगढ़, कोटड़ी व हमीरगढ़ में अकाल पड़ा। सरकार ने 31 मार्च तक किसानों को मुआवजा बांटने का समय दिया। तहसीलदारों ने रुचि नहीं ली। इस बार किसानों के खाते में पैसा डालना था, फिर भी काम नहीं हुआ। इसमें 24 करोड़ रुपए आए थे। अब भी 11 करोड़ बांटने बाकी है।


केस एक
कोटड़ी क्षेत्र के सोपुरा क्षेत्र के मांगीलाल गुर्जर के खेत में नुकसान हुआ। इसकी रिपोर्ट पटवारी को दे दी। कई बार पंचायत में भी चक्कर काटे लेकिन मुआवजा नहीं मिला है।


केस दो
हमीरगढ़ क्षेत्र के निवासी नारूलाल के खेत में ज्यादा बरसात से फसल खराब हो गई। इसके लिए मुआवजा मिलना है। इसके लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति में भी चक्कर काटा लेकिन पैसा नहीं मिला। जबकि वे कई बार आवेदन कर चुके हैं।


शिविरों में होगा ये काम
तहसीलदारों से मुआवजा बांटने के लिए पात्र किसानों की सूचियां मांगी थी। कई जगह से देरी हो गई। अब न्याय आपके द्वार शिविरों में ये काम किया जा रहा है। बकाया राशि किसानों के खाते में जल्द जमा करा देंगे। जो राशि नहीं बंट पाई, उसे सरकार को भेजा जाएगा।
एलआर गुगरवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर(प्रशासन)