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मनरेगा में अव्यवस्थाएं: पारा 44 पार, छाया-पानी भूली सरकार

जिले में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है।

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Perturbations in MGNREGA in bhilwara

Perturbations in MGNREGA in bhilwara

भीलवाड़ा।

जिले में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है। एेसे में प्रशासन की लापरवाही मनरेगा श्रमिकों पर भारी पड़ सकती है। चिलचिलाती धूप में श्रमिक कैसे काम करते हैं और उनके लिए क्या सुविधााएं हैं, यह जानने टीम पत्रिका ने एक दर्जन से अधिक कार्यस्थल का जायजा लिया तो मजदूरों के लिए मेडिकल किट तो दूर की बात है बल्कि छाया व ठंडे पानी तक के इंतजाम भी नहीं मिले। टीम ने सुवाणा पंचायत समिति के पालड़ी, आरजिया, पांसल, देवली, गुरला क्षेत्र का दौरा किया।

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कमियां, नियम व बचाव में तर्क

श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर छाया और ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं थी। श्रमिक पेड़ या झाडिय़ां के नीचे धूप से बचते दिखे। छाया के लिए टेंट लगाने का नियम है। मेट ने कहा, टेंट का पैसा दिया जाता है। विभागीय कार्रवाई जटिल है इसलिए नहीं लगाया। विभाग को बताना पड़ता है कि टेंट क्यों लगाया गया। वहां छायादार पेड़ नहीं था। पेड़ मिला तो पैसे नहीं मिलते हैं। ऐसे में टेंट लगाने की कोई कोशिश भी नहीं करता है। श्रमिक अपने साथ पानी की बोतल लाते है या कुछ जगह श्रमिक ही छोटी मटकी साथ लेकर आए।

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चिकित्सा विभाग मेट के पास गोलियां व ओआरएस के पाउच रखवाता है, जो कार्यस्थलों पर नहीं मिले। मेडिकल किट नहीं मिले। मनरेगा स्थल पर हर सप्ताह श्रमिक का स्वास्थय परीक्षण अनिवार्य है, जो नहीं हो रहा है। श्रमिकों ने कहा, कई दिनों बाद कोई जांच को आता है, वो भी सिर्फ गोलियां देकर चला जाता है। मेट का कहना था कि हमें अस्पताल जाकर ही गोलियां और अन्य सामग्री लाना पड़ता है।
कुछ स्थान पर मजदूर दोपहर का भोजन करने के बाद ही घर लौट गए। कुछ स्थानों पर हाजरी स्जिस्ट्रर के आधार पर श्रमिकों की संख्या कम थी।


जिले में श्रमिकों की स्थिति

ब्लॉक पंचायते काम श्रमिक
बिजौलियां 21 18 2738
आसीन्द 45 40 18960
कोटड़ी 33 20 4085
जहाजपुर 38 35 10566
बनेड़ा 26 15 6317
माण्डल 46 45 11848
माण्डलगढ़ 32 29 7281
रायपुर 22 20 7192
शाहपुरा 38 37 8850
सुवाणा 34 32 6796
सहाड़ा 28 32 5938
हुरड़ा 21 19 5712
योग 384 338 96210

सभी विकास अधिकारियों को कार्यस्थल पर छाया, पानी व मेडिकल किट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने व्यवस्था क्यों नहीं की? यह वही जानकारी दे सकेंगे। व्यवस्था नहीं है तो यह गम्भीर मामला है।
महेश चन्द्र ओझा, अधीक्षण अभियन्ता मनरेगा जिला परिषद

मेडिकल किट बनाने के आदेश अब मिले है। सोमवार से काम शुरू होगा। जैसे बनते जाएंगे वैसे ही इनको जिला परिषद को दे देेंगे। परिषद से निर्धारित राशि जमा कराने में देरी से किट नहीं बन पाए थे।
डॉ.जेसी जीनगर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी