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अतिक्रमण हटाने के दौरान अपना एक पैर गंवाने वाले ललित का दर्द अब जिंदगी को करने लगा दुश्वार

अतिक्रमण हटाने के दौरान अपना पैर गंवाने वाले पथिक नगर निवासी ललित छीपा की आंखें मदद के लिए अब पथरा उठी है।

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President and Prime Minister Desire to die in bhilwara

President and Prime Minister Desire to die in bhilwara

भीलवाड़ा।

यूआईटी की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान नेहरू रोड पर छह वर्ष पूर्व अपना एक पैर गंवाने वाले पथिक नगर निवासी ललित छीपा की आंखें मदद के लिए अब पथरा उठी है।प्रशासन की तरफ से पुख्ता मदद नहीं मिलने से हताश हो चुके ललित ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक इच्छा मृत्यु की गुहार की है।

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ललित की हालत से परेशान मां को भी अब कैंसर ने झकड़ लिया। यूआईटी का अतिक्रमण हटाओ दस्ता 6 अक्टूबर 2012 को नेहरू रोड को चौड़ा करने के लिए मकानों में तोडफ़ोड़ कर रहा था। इसी दौरान पथिक नगर निवासी ललित अपनी मां मधु के साथ यहां एक निजी अस्पताल में अपने परिचित से मिल कर बाहर लौट रहा था। इसी बीच मकान की छत का एक हिस्सा ललित के पैर पर गिर गया था। जिससे एक पैर बुरी तरह कुचल गया।

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जिसे बाद में काटना पड़ा। उसकी मां मधु भी जख्मी हो गई। ललित के छोटे भाई आशीष की पीड़ा है कि इस घटना को छह वर्ष होने आए है, लेकिन प्रशासन ने वायदे के मुताबिक मदद नहीं की। यूआईटी ने संविदा कर्मी के रूप में उसे वर्ष 2014 में जरूर रख लिया, लेकिन तीन वर्ष बाद ही उसे हटा दिया।


यहां कार्य के दौरान किसी ने भी उसकी हालत पर रहम नहीं खाया। उसकी हालत को देख कर मां को कैंसर ने जकड़ लिया। पिता लक्ष्मीलाल का चाट पकोड़ी बनाने का कामकाज भी छूट गया। दोनों के इलाज पर अभी तक लाखों रुपए खर्च हो गए, एेसे में परिवार की जिम्मेदारी उसके ऊपर ही आ गई। ललित का कहना है कि गत सप्ताह हर उसके जख्मी पैर का एक और ऑपरेशन हुआ। इसमें पैर का ढाई इंच का हिस्सा उसकी जान बचाने के लिए चिकित्सकों को काटना पड़ा।


लगातार खर्चे बढ़ रहे है, लेकिन कही से मदद नहीं मिल रही, घटना के दिन जिन्होंने आश्वासन दिए थे, वे अब मिलने से कतराते है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम इच्छा मृत्यु की मांग कर एक पत्र भेजा है।