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बारिश में दूषित पानी छोड़ा तो बिना नोटिस बंद होगा प्रोसेस हाउस

भीलवाड़ा. प्रोसेस हाउस संचालकों की ओर से गुवारड़ी नाले में छोड़े जा रहे दूषित पानी के मामले को भीलवाड़ा के प्रभारी सचिव व राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) के अध्यक्ष नवीन महाजन ने गंभीरता से लिया।

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बारिश में दूषित पानी छोड़ा तो बिना नोटिस बंद होगा प्रोसेस हाउस

बारिश में दूषित पानी छोड़ा तो बिना नोटिस बंद होगा प्रोसेस हाउस

भीलवाड़ा. प्रोसेस हाउस संचालकों की ओर से गुवारड़ी नाले में छोड़े जा रहे दूषित पानी के मामले को भीलवाड़ा के प्रभारी सचिव व राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) के अध्यक्ष नवीन महाजन ने गंभीरता से लिया। महाजन ने मामले में क्षेत्रीय अधिकारी को कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आदेश में साफ किया कि बारिश के दौरान कोई प्रोसेस हाउस संचालक दूषित पानी छोड़ते मिले तो उसे तुरंत प्रभाव से बिना नोटिस दिए ही बंद कर दे। ये आदेश बारिश के दौरान प्रभावी रहेंगे। यानी बारिश बंद होने के बाद ही प्रोसेस हाउस का पुन: संचालन हो सकेगा।


गौरतलब है कि महाजन को 15 से 17 नवंबर के भीलवाड़ा दौरे के दौरान दूषित पानी छोड़ने की शिकायतें मिली थी। इस पर दोषी प्रोसेस हाउस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए है। महाजन ने शिकायतों की जांच के लिए जयपुर से वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता एवं टेक्सटाइल सेल प्रभारी भुवनेश माथुर को भीलवाड़ा बुलाया था। माथुर ने जांच में पाया कि प्रोसेस हाउस संचालक दूषित पानी छोड़ते हैं।

जूम कंट्रोल सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे
मंडल अध्यक्ष महाजन ने क्षेत्रीय अधिकारी विनय कट्टा को आदतन दूषित पानी छोड़ने व नियम तोड़ने वाले प्रोसेस हाउस संचालकों की सूची बनाने को कहा है ताकि उन पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके। प्रोसेस इकाइयों स्थित पैन टिल्ट जूम कैमरा (पीटीजेड कैमरा) रिमोट-डायरेक्शनल और जूम कंट्रोल वाला क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरा लगाने को कहा है। अधिकारियों को अव्यस्थित क्षेत्र का सर्वे तथा आवश्यकता होने पर ड्रोन सर्वे करने को कहा है। सर्वे के दौरान संवेदनशील (क्रिटिकल) स्थानों को चिन्हित कर हाई रेसोलेशन तथा रात्रि निगरानी सुविधा आधारित कैमरे लगाने को कहा। इससे अवैध रूप से प्रदूषित जल की निकासी वाले टेक्सटाइल प्रोसेस इकाइयों को त्वरित रूप से ट्रेस किया जा सकेगा। बारिश को दौरान रात्रि में पूरी सतर्कता व निगरानी बढ़ाने को कहा। प्रोसेस इकाइयों में स्थापित ईटीपी, आरओ संयंत्र एमईई के विद्युत खपत को भी दैनिक रूप से सत्यापित करने को कहा ताकि इन इकाइयों में उपचार संयंत्रो के नियमित संचालन की पुष्टि की जा सके।