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भीलवाड़ा. शिक्षा विभाग पहली कक्षा में नव प्रवेशित बच्चों को स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम के माध्यम से शैक्षिक वातावरण के प्रति सहज बनाएगा। बच्चों में भय, संकोच दूर कर सहज तरीके से मनोरंजक गतिविधियों से अध्ययन के प्रति रुचि पैदा की जाएगी। प्रोग्राम की खास बात है कि बच्चों से ज्यादा शिक्षकों को समझना होगा कि बच्चा क्या कहना चाह रहा है, क्या समझ रहा है। भाषा को लेकर कोई बंधन नहीं होगा। बच्चा जिस भाषा या बोली में बात करेगा, शिक्षक पर जिम्मेदारी होगी कि वह उस बोली-भाषा और मंतव्य को समझ संवाद करे। धीरे-धीरे बच्चा सहज हो जाएगा तो हिंदी में संवाद और शिक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्कूल रेडीनेस का यह कार्यक्रम 12 सप्ताह अथवा तीन महीने चलेगा।
पहली में नव प्रवेश विद्यार्थियों का सत्र एक जुलाई से होगा। पहले तीन माह सप्ताह में पांच दिन शिक्षण कराया जाएगा। छठे दिन शनिवार को रिवीजन होगा ताकि पांच दिन का याद किया भूल न सकें। संस्था प्रधान का दायित्व रहेगा कि प्रतिमाह शिक्षकों-अभिभावकों से बैठक कर विद्यार्थी की प्रगति साझा करें।
सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए निपुण भारत अभियान के तहत पहली में प्रवेश ले चुके और प्रवेश लेने योग्य बच्चों के लिए विद्या प्रवेश कार्यक्रम (स्कूल रेडीनेस) चलाया है। इसमें खेल-खेल में बच्चे की बुनियादी साक्षरता और संयात्मक अवधारणा को आनन्दमय बनाते कौशल विकसित किया जाएगा। वर्क बुक में बच्चों को सरल तरीके से पढ़ाने के लिए चित्र, संया तथा रंग आदि का उल्लेख है। इस प्रकार की पुस्तिका से बच्चों के समझने की क्षमता का विकास जल्दी होगा।
ऐसी गतिविधियों से बच्चा जब आगे की कक्षा में प्रवेश करेगा तो नींव मजबूत हो चुकी होगी और सहज ढंग से पढ़ाई कर सकेगा। नर्सरी के बाद पहली में प्रवेश के इच्छुक बच्चे भी हिस्सा ले सकते हैं। नामांकन बढ़ाने के लिए ग्रीष्मावकाश के दौरान हाउसहोल्ड सर्वे में अभिभावकों को इस कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी।
Published on:
17 May 2024 11:59 am
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