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कला वर्ग में भी बेटियों का दबदबा कायम, बेटों से 4.4फीसदी रही आगे

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर ने 12वीं कला वर्ग काजिले का परिणाम 91.76 फीसदी रहा

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rbse 12th arts result 2018 bhilwara district

rbse 12th arts result 2018 bhilwara district

भीलवाड़ा।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर ने 12वीं कला वर्ग का परीक्षा परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। जिले का परिणाम 91.76 फीसदी रहा। इस परिणाम में भी बेटियां ही आगे रही। बेटों का परीक्षा परिणाम 81.53 तथा बेटियों का परीक्षा परिणाम 93.93 फीसदी रहा। इस बार बोर्ड की ओर से घोषित 2018 के परिणाम में विज्ञान वर्ग का परीक्षा परिणाम 88.77 फीसदी तथा वाणिज्य का 92. 57 फीसदी रहा था।

अब कला वर्ग का 91.76 फीसदी रहा है। इस बार जिले में कुल 12 हजार 237 परीक्षार्थी शामिल हुए, जिसमें से 4619 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए है। प्रथम श्रेणी में पास होने वालों में भी बेटियां ही आगे हैं। इसमें द्वितीय व तृतीय श्रेणी में बराबर विद्यार्थी रहे हैं। इस बार भी बोर्ड ने कोई मेरिट सूची जारी नहीं की है।

कला वर्ग का जिले में परिणाम

परीक्षार्थी शामिल: 12237
प्रथम श्रेणी: 4619

द्वितीय श्रेणी: 6035
तृतीय श्रेणी: 573

कुल पास: 11229
प्रतिशत: 91.76


कला वर्ग में बेटों की स्थिति

कुल परीक्षार्थी: 6038
प्रथम: 1779

द्वितीय: 3227
तृतीय: 400

पास: 5406
प्रतिशत: 89.53


बेटियों की स्थिति

कुल परीक्षार्थी: 6199
प्रथम: 2840

द्वितीय: 2808
तृतीय: 173

पास: 5823
प्रतिशत: 93.93


पिछले वर्ष से एक कदम रहा पीछे

बोर्ड की ओर से घोषित 12वीं कक्षा का परिणाम वर्ष 2017 में 92.91 फीसदी रहा। जबकि इस साल घटकर 91.76 फीसदी रह गया। खास बात है कि पिछली बार प्रदेश में भीलवाड़ा जिला पहले स्थान पर आया था जबकि इस बार तीसरे नंबर पर आ गया।

काछोला में 34 में से 18 बच्चे पूरक, छह फेल, प्रधानाचार्य बोले, कॉपी जांचने वालों पर संदेह
भीलवाड़ा. १२वीं कला बोर्ड में कुछ स्कूलों ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी। इसमें जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय काछोला का परिणाम मात्र 29.41 फीसदी रहा। राजस्थान पत्रिका ने इस स्कूल का रिपोर्ट कार्ड देखा तो सामने आया कि यहां पर 34 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इसमें से 18 पूरक आए और छह फेल हो गए। 18 में से करीब 15 से ज्यादा बच्चे अंग्रेजी विषय में ही पूरक आए है। मतलब केवल दस विद्यार्थी ही पास हुए। इसमें से केवल एक विद्यार्थी ही प्रथम श्रेणी में पास हुआ है। जब हमने काछोला स्कूल के प्रधानाचार्य विश्वनाथ पारीक से बातचीत की तो उन्होंने पहले परिणाम आने की जानकारी नहीं होने की बात कही। इसके बाद जब हमने परिणाम बताया कि वे बोले, मुझे इस परिणाम पर असंतोष है और मैं इसे नहीं मानता हूं। मुझे तो कॉपी जांचने वालों पर संदेह है। राजस्थान बोर्ड के परिणाम पर प्रधानाचार्य के इस बयान ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ी बात है कि इस स्कूल में ज्यादातर बच्चे अंग्रेजी में ही पूरक आए है।