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आधुनिकता से कदमताल करने की ढींगे हाक रहा रोडवेज कागजों में लूटी वाहवाही

रोडवेज के हालात देखिए यात्रियों को लुभाने का वादा हुआ। कागजों में वाहवाही लूटकर ही इतिश्री कर ली

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Roadways desecrated in bhilwara

Roadways desecrated in bhilwara

भीलवाड़ा।

रोडवेज के हालात देखिए। यात्रियों को लुभाने का वादा हुआ। कागजों में वाहवाही लूटकर ही इतिश्री कर ली। बेहतर सुविधा का वादा कागजों से बाहर निकल ही नहीं निकला। इससे यात्रियों को लाभ नहीं मिल पाया। रोडवेज स्टैण्ड पर यात्रियों को नि:शुल्क इंटरनेट की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। इसके लिए मोबाइल टावर परिसर में लगाया गया।

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आधुनिकता से कदमताल करने की ढींगे हाक रहा रोडवेज वाई-फाई भी शुरू नहीं कर पाया। ऑनलाइन टिकट प्रणाली भी कारगार साबित नहीं हो पाई। सर्वर के काम नहीं करने से घर बैठे बस की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो पा रही।एक तरफ घाटे के दलदल मेंं फंसी रोडवेज तो दूसरी निजी बसों से प्रतिस्पद्र्धा ने आग में घी का काम कर रखा है।

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इन सबके बावजूद यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करना रोडवेज के लिए चुनौती है। बेहतर सुविधा नहीं देने से लोग रोडवेज की ओर आकर्षित नहीं हो पा रहे। प्रायोगिक होती शुरुआत, आगे नहीं बढ़ती योजना योजनाओं को रोडवेज हाथ में तो लेता है। इसकी प्रदेश के कुछ आगारों में प्रायोगिक रूप से शुरुआत करता है। लेकिन प्रायोगिक समय में ही योजना धराशायी हो जाती है। बसों में सीसी कैमरे लगाने और जीपीएस का उदाहरण है। बड़े आगार में ही योजना कुछ समय तक चल पाई।

केस-1
बस स्टैण्ड पर यात्रियों को वाई-फाई सुविधा देने की घोषणा की गई। आधा घण्टे तक वहां यात्री इंटरनेट का मुफ्त आनंद ले सकें, इसके लिए स्टैण्ड परिसर में टावर भी लगाया लेकिन आठ महीने से योजना मूर्तरूप नहीं ले पाई।


केस-2
घर बैठे रोडवेज बस की स्थिति और टिकट ऑनलाइन की घोषणा हुई लेकिन जमीन पर नहीं उतरी। बसों में जीपीएस लगाने का मामला अटकने से बसों की ऑनलाइन स्थिति का पता नहीं हो पाया। मामला ठण्डे बस्ते में चला गया।