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एनिकट टूटा तो प्रशासन व ग्राम पंचायत से की शिकायत, नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने पैसे एकत्र कर खुद ही करवाया दुरुस्त

एनिकट की टूटी हुई पाल की शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने एकजुट होकर खुद दुरुस्त करवा दिया

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Rural Repaired broken Anikat in bhilwara

Rural Repaired broken Anikat in bhilwara

विष्‍णु व‍िवेक शर्मा . बागौर।

एनिकट की टूटी हुई पाल की पांच बार ग्राम पंचायत व हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने एकजुट होकर खुद पैसे एकत्र किए और इसे दुरुस्त करवा दिया। यह मामला है जोरावरपुरा पंचायत के करणवास गांव में हनुमान मंदिर के पीछे बने एनिकट का। एनिकट में बरसाती पानी अब आसानी से रूक सकेगा और क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।


करणवास के बबलू सुवालका ने बताया कि गांव के बाहर हनुमान मंदिर के पीछे स्थित एनिकट की पाल टूटी हुई थी । जिसे लेकर 24 अगस्त 2017 को 181 हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत भी दर्ज करवाई थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं ग्रामीण ग्राम पंचायत जोरावरपुरा को भी पांच मर्तबा लिखित में इसकी शिकायत कर चुके हंंै। लेकिन कोई हल नहीं निकला। मानसून सिर पर देख बरसाती पानी की आवक को एनिकट में ही जमा करने को लेकर अपने स्तर पर पैसे एकत्र कर बिना किसी सरकारी सहायता के जेसीबी की सहायता से मिट्टी डलवाकर एनिकट की टूटी पाल को दुरुस्त किया।

कई काश्तकारों को होगा फायदा
ग्रामीणों ने बताया कि इस एनिकट से पंचायत क्षेत्र के माणकियास गांव के 80 से 100 काश्तकारों की खेती निर्भर है ।
इस कार्य में गांव के जगदीश दरौगा, रामगोपाल जाट, बाबू लाल, गोपीलाल तेली, रामचन्द्र सेन, मुकेश पारीक व बबलू सुवालका सहित कई लोगों ने मिलकर इस कार्य को किया तथा इसमें ग्रामीणों ने उनका साथ दिया।


जैविक तरीके से खेती के बताए गुर

रायला. रामपुरिया गांव में जयपुर स्थित महात्मा ज्योति राओं फूले विश्वविद्यालय के बी.एस.सी. कृषि विज्ञान के पाचवें सेमेस्टर के विद्यार्थी राधेश्याम कुमावत ने जैविक कृषि के वैज्ञानिक तौर तरीकों से कृषि करने एवं रोगों को नियंत्रित करने के बारे में बताया। इस दौरान दलहनी फसलों का राईजोबियम से बीजोपचार, नीम का जैविक कीटनाशक, भूमि में फफूंद जनित रोगो को नियन्त्रित करने के लिये ट्राइकोडर्मा, अन्य सभी प्रकार के रोगों को नियंन्त्रित करने के लिए जीवामृत आदि बनाकर किसानों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान भीलवाड़ा स्थित कृषि महाविद्यालय अगरपुरा के सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थी अशोक कुमावत व अन्य ग्रामीणवासी उपस्थित थे। किसान जैविक कृषि का कार्य राधेश्याम कुमावत व अशोक कुमावत की देखरेख में करेंगे।