31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रिश्वत देने से पहले ही हड़बड़ाहट में किया ईशारा, एसीबी का ट्रेप हो गया फेल

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के साथ सोमवार को परिवादी की हड़बड़ाहट के कारण गुगली हो गई।

2 min read
Google source verification
Bhilwara, bhilwara news, Secretarys Trap Fail in bhilwara, Latest news in bhilwara, Bhilwara news in hindi, Latest hindi news in bhilwara, Bhilwara Latest hindi news

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के साथ सोमवार को परिवादी की हड़बड़ाहट के कारण गुगली हो गई।

भीलवाड़ा।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के साथ सोमवार को परिवादी की हड़बड़ाहट के कारण गुगली हो गई। मंगरोप ग्राम पंचायत सचिव को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडऩे के लिए परिवादी को भेजा गया। पहले सचिव एसीबी और परिवादी को गलियों में घुमाता रहा। रिश्वत देने की बारी आई तो परिवादी घबरा गया। एनवक्त पर रिश्वत देने से पहले ही परिवादी ने निर्धारित इशारा कर दिया। एसीबी टीम ने सचिव को पकड़ लिया, लेकिन परिवादी ने कहा कि उसने रिश्वत की राशि तो सचिव को दी ही नहीं। एेसे में एसीबी की ट्रेप कार्रवाई फेल चली गई। अब सचिव के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया जाएगा।

READ: शराबबंदी को लेकर प्रदेश का पहला कवि सम्मलेन, गांव को शराब मुक्त करने का संकल्प


ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता को मंगरोप निवासी हरीश कीर ने शिकायत दी। परिवादी ने शिकायत में आरोप लगाया कि भूखण्ड का पट्टा बनवाने के लिए उसने मंगरोप ग्राम पंचायत सचिव विजयसिंह पथिकनगर निवासी ताराचंद गुप्ता से सम्पर्क किया। सचिव ने दस हजार रुपए मांगे। एसीबी के सत्यापन कराने पर रिश्वत की मांग आ गई। निरीक्षक हनुमानसिंह चौधरी के अगुवाई में टीम तैयार की गई। पांच हजार की व्यवस्था होने से नोटों पर केमिकल लगाकर टीम ने राशि परिवादी को दी। परिवादी ने सचिव से सम्पर्क किया तो दोपहर में भीलवाड़ा के प्राइवेट बस स्टैण्ड के सामने नेहरू उद्यान के बाहर बुलाया।
परिवादी रिश्वत की राशि लेकर नेहरू उद्यान के बाहर पहुंचा। इस दौरान एसीबी टीम भी दूर से नजर रखे हुए थे। सचिव गुप्ता अपने भाई के साथ मोटरसाइकिल पर वहां पहुंचा। सचिव गुप्ता ने परिवादी को बाइक लेकर पीछे आने के लिए कहा। इसके बाद उसे विद्युत नगर स्थित गलियों में ले गया।

READ: ड्यूटी पर लौटने लगे डॉक्टर, अस्पतालों में रही भीड़

वह परिवादी हरीश कीर से वार्ता करने लगा। इस दरम्यान परिवादी घबरा गया। उसने रिश्वत की राशि दिए बगैर ही निर्धारित किया इशारा कर दिया। इशारा देखकर एसीबी टीम ने समझा की सचिव ने राशि ले ली। दूर खड़ी टीम के सदस्य दौड़कर आए और सचिव ताराचंद को पकड़ लिया। लेकिन परिवादी ने कहा कि उसने रिश्वत की राशि सचिव को अभी तक दी ही नहीं। एेसे में सचिव को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। ट्रेप फेल हो जाने से सचिव को छोड़ दिया गया। एसीबी अब सचिव के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज करेगी।