
जिला बनने से शाहपुरा पर नाज, विकास के विस्तार की अब हो बात
शाहपुरा ने नए जिले का ताज पहन लिया। अब बात विकास की होनी चाहिए। रियासत काल में बने शाहपुरा का विकास अब नहीं हो सकता तो कभी नहीं हो सकेगा। जनमानस को वो सभी सुविधाएं चाहिए जो जिले के लिए जरूरी है। खासतौर से यहां परिवहन सुविधा का अभाव बड़ा मुद्दा है। रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने से युवा पलायन को मजबूर है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की जरूरत है। रेलवे कनेक्टिविटी की ओर सरकार ध्यान दें।
यह निचोड़ है, राजस्थान पत्रिका की ओर से शुक्रवार को प्रतापसिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय में हुए टॉक शो का। यहां शहरवासियों ने कहा कि जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। गंभीर मरीज के आते ही रैफर किया जाता है। रात को रोडवेज बसों और कॉलेज में पर्याप्त व्याख्याताओं की कमी है। नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होना चाहिए। इससे पहले कॉलेज प्राचार्य पुष्कर राज मीणा, संकाय सदस्य रामावतार मीना ने सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर टॉक की शुरुआत की। राजस्थान पत्रिका के सम्पादकीय प्रभारी अनिल सिंह चौहान ने आंगुतकों का स्वागत किया। शीलारानी मीणा, अनिल श्रोत्रिय, मूलचंद खटीक, हंसराज सोनी, दिग्विजय सिंह, विनोद सेन, रवि शंकर सोनी, हरकचंद शर्मा, पुखराज जोशी, महावीर नाथ भी मौजूद थे। अनिल शर्मा व धर्म नारायण वैष्णव ने संचालन किया।
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रियासत काल के समय शाहपुरा में पर्याप्त विकास था। क्रांतिकारियों की भूमि है। रामस्नेही सम्प्रदाय की अंतरराष्ट्रीय पीठ है। फूलडोल मेले को राज्य स्तरीय दर्जा मिले तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पैनोरमा का निर्माण होना चाहिए।
- अनिल शर्मा
शाहपुरा-भीलवाड़ा मार्ग सिंगल रोड है। इससे भीलवाड़ा पहुंचने में बहुत समय लगता है। बड़ी संख्या में भारी वाहन चलते है। इसे फोरलेन में परिवर्तन करने की जरूरत है।
- ओमप्रकाश वैष्णव
जयपुर-उदयपुर के लिए ही रोडवेज बसें है। अन्य मार्गों पर रोडवेज सुविधा का अभाव है। आवागमन में परेशानी होती है। परिवहन सुविधाओं में विस्तार की जरूरत है।
- पुखराज जोशी
आजादी से पहले शाहपुरा के हाल ठीक था। शाहपुरा कृषि प्रधान क्षेत्र था। आजादी के बाद से यह पिछड़ता चला गया। राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी विकास में बाधक रही।
- सुनील बेली
बड़े शहरों से जुड़ाव के लिए रोडवेज की जरूरत है। हर तरफ से कनेक्टिविटी बढ़नी चाहिए। शाहपुरा में डेयरी की स्थापना हो। इससे रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे।
- हनुमान धाकड़
शहर में ट्रक-ट्रोलों की भरमार है। इससे हर पल दुर्घटना का अंदेशा रहता है। इनके आगमन के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाना चाहिए।
- उर्वशी पारीक
शहर में ट्रॉफिक रूल्स नहीं है। ट्रोले तेज गति से दौड़ते है। कॉलेज में स्टॉफ भी पर्याप्त नहीं है। रात में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है।
- अंशिका पत्रिया
कॉलेज में स्काउट संकाय नहीं है। पर्याप्त स्टॉफ भी नहीं होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शाहपुरा पिछड़ा है। ब्लड बैंक खोला जाना चाहिए। आंगूचा माइंस जिले में आनी चाहिए।
- नंदनी निर्वाण
कचरा रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं है। तालाब को डम्पिंग यार्ड बना रखा है। उसका निस्तारण नहीं होने से सफाई व्यवस्था बदहाल है।
- कुणालराज सिंह चौहान
सावर से सीधे बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इससे कॉलेज छात्राओं को सर्वाधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। शाम के बाद विभिन्न क्षेत्रों के लिए बसें उपलब्ध नहीं है।
- अपूर्वा शर्मा
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यह भी उठे मुद्दे
- मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना होनी चाहिए ।
- आंगूचा माइंस शाहपुरा में मिलनी चाहिए, इससे डीएमएफटी फंड में राजस्व मिलेगा ।
- समेलिया में औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार होना चाहिए ।
- भीलवाड़ा और जहाजपुर जाना हो तो टोल पर क्षेत्र के लोगों को जेब ढीली करनी पड़ती है ।
- शाहपुरा में डिपो बनना चाहिए, बस स्टैंड पर गंदगी का आलम ।
- गर्ल्स हॉस्टल नहीं होने से छात्राएं परेशान है।
Published on:
24 Feb 2024 12:03 pm
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