31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शाहपुरा रियासत ने लिखी राजस्थान के एकीकरण की कहानी

राजस्थान संघ की स्थापना में शाहपुरा की रियासत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शाहपुरा भारत की 562 रियासतों में से एक ऐसी पहली रियासत थी। जिसने आजादी के एक दिवस पूर्व यानी 14 अगस्त 1947 को ही तत्कालीन राजा सुदर्शन देव ने राज्य प्रजामंडल अध्यक्ष गोकल लाल असावा को राज्य सौंप कर देश में इतिहास रच दिया।

2 min read
Google source verification
शाहपुरा रियासत ने लिखी राजस्थान के एकीकरण की कहानी

शाहपुरा रियासत ने लिखी राजस्थान के एकीकरण की कहानी

राजस्थान संघ की स्थापना में शाहपुरा की रियासत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शाहपुरा भारत की 562 रियासतों में से एक ऐसी पहली रियासत थी। जिसने आजादी के एक दिवस पूर्व यानी 14 अगस्त 1947 को ही तत्कालीन राजा सुदर्शन देव ने राज्य प्रजामंडल अध्यक्ष गोकल लाल असावा को राज्य सौंप कर देश में इतिहास रच दिया।

शाहपुरा के करीब 390 वर्षों का एक गौरवशाली इतिहास राजस्थान के इतिहास में अंकित है। यहां के वीर राजाओं भारत सिंह, राजा उमेद सिंह प्रथम, कुंवर अदोत सिंह कंधार से लेकर दक्षिण भारत तक अपनी वीरता का लोहा मनवाया। जिस कारण भी राजस्थान को मजबूती प्रदान हुई।

देश की आजादी के लिए शाहपुरा के क्रांतिकारी वीर एक ही परिवार के केसरी सिंह, जोरावर सिंह व प्रताप सिंह बारहठ ने अंग्रेजों से लोहा लिया। शाहपुरा के राजा सुजान सिंह को दिल्ली दरबार में अपनी वीरता के दम पर शाहजहां ने शाहपुरा का पट्टा इनायत किया। विक्रम संवत 1688 पौष शुक्ल दोज, दिसंबर 14 दिसंबर 1631 बुधवार को शाहपुरा राज्य की स्थापना हुई।

शाहपुरा की वीरांगना माणीक कंवर का भी आजादी के आंदोलन में अहम योगदान रहा। उनके पुत्र प्रताप सिंह बारहठ का त्याग एवं बलिदान अमर है। पुत्र के बलिदान के पश्चात माणीक कंवर को पूरे शाहपुरा से राजस्थान एवं भारतवर्ष में जाना जाने लगा और जगह-जगह इनके नाम से चौराहे विद्यालय और प्रेरणादायी मां की मूर्तियों स्थापना की गई। शाहपुरा की माणीक कंवर के पुत्र का नाम राजस्थान एवं भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। शाहपुरा में संग्रहालय एवं पैनोरमा स्थापित है।

पूर्व आर्य समाज प्रधान कन्हैया लाल आर्य का कहना है कि शाहपुरा की देश की पहली रियासत थी जिसमें उत्तरदायी शासन की स्थापना की गई। राजस्थान की एकीकरण में शाहपुरा स्टेट का अहम योगदान रहा। महर्षि दयानंद के शाहपुरा आने के बाद क्षेत्र के अंदर कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया। तत्कालीन राजाओं ने भी नाहर सागर, उम्मेदसागर बांधों का निर्माण करवाया।

इतिहासकार कैलाश चंद्र व्यास बताते है कि राजस्थान के एकीकरण के समय कुल 19 रियासतें व 3 ठिकाने थे। इनके ही सहारे राजस्थान संघ की स्थापना की गई। इनमें शाहपुरा रियासत प्रमुख थी। बारहठ परिवार के योगदान सहित शाहपुरा के स्वतंत्रता सेनानी लादूराम व्यास, रमेश चंद्र ओझा व लक्ष्मीदत्त कांटिया का भी काफी योगदान रहा।